दो माह पूर्व सांसद ने दी चेतावनी सक्रिय हुआ विभाग फिर भी पानी से की समस्या से निजात चाहते हैं ग्रामीण

- Advertisement -

भूपेन्द्रसिंह नायक, पिटोल

पिटोल गांव की आबादी करीब पांच हजार के आसपास है और वर्षों से पानी की किल्लत झेल रहे हैं और कोई स्थाई समाधान नही निकल पा रहा है लोग टैंकरों से पानी खरीदने के लिए मजबूर है ।वही पिटोल में दो नल जल योजना होने के बाद भी लोग जल समस्या से दो-दो हाथ कर रहे हैं। एक नई जल नल जल योजना मोद नदी से पिटोल 7 किलोमीटर एवं दूसरी नल जल योजना वर्षों पुरानी पिटोल से गोजयारा डैम कि लाखों रुपए की नल जल योजना केवल बिछी हुई है पर पानी सप्लाई के लिए नहीं है। मौद नदी के डैम में पर्याप्त पानी है परंतु गोजयारा डेम पर्याप्त पानी है विद्युत समस्या से पानी नहीं मिल रहा है। पिटोल में वर्षों पुरानी पिटोल से गोजयारा डेम वाली पुरानी नल जल योजना से पिटोल को पानी का सप्लाई हो रहा है परंतु यह लाइन काफी काफी पुरानी है परंतु इसमें लोहे के पाइप डले होने से आज भी काफी अच्छी स्थिति में हैं। पिटोल गोजीयारा डेम की दूरी करीब 3 किलोमीटर के आसपास है की है और जगह-जगह लाइन लीकेज है एवं जहां पर वाल लगे वहां से भी ग्रामीण लोग खेती में सिंचाई के लिए पाइप लाइन लीकेज कर देते हैं। 17 फरवरी 2021 को जब रतलाम अलीराजपुर झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल योजना का भूमि पूजन करने आए तब पिटोल के जागृत नागरिकों ने पिटोल की पानी की समस्या को अवगत कराया बरसों से लोग नल जल योजना होने के बाद भी टैंकरों से पानी खरीदने को मजबूर है और पीएचई विभाग के अधिकारी ना पंचायत वालो की सुनते हैं ना ग्रामीणों की सुनते हैं तब तुरंत ही सांसद  लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को 1 महीने में पिटोल की नल जल समस्या का समाधान को करने को कहा कि गर्मी के दिनों में पिटोल वासियों को पानी मिलना चाहिए। सांसद के निर्देश के बाद विभाग के लोग तुरंत एक्टिव हुए वर्षों पुरानी पिटोल से गोजयारा वाली पाइप दुरुस्ती करण कर रहे हैं एवं कुछ जगह लीकेज बंद किए हैं। और अभी भी कार्य चालू है परंतु विभाग को 1 महीने के समय सीमा दी गई थी 1 महीने के बाद की समय सीमा के बाद भी पीटोल के वासियों को पानी मिल जाना चाहिए था परंतु एक महीना बीतने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

*प्रमुख समस्या है बिजली सप्लाई की*

पिटोल गांव के लिए विद्युत सप्लाई के लिए यहां पर एक बड़ा ग्रीड भी है और गांव में विद्युत सप्लाई फालट के अलावा निरंतर होती परंतु पिटोल से गोजयारा का डैम पर सप्लाई होने वाली विद्युत लाइन में 24 घंटे वाली सप्लाई नहीं है इसलिए वाटर बॉक्स पर काफी परेशानी होती है जब गोजयारा डैम पर पानी की मोटर चालू करके वापस कर्मचारी आता है तब तब तक वापस बिजली चली जाती है।क्योंकि गोजयारा डैम की लाइन ग्रामीण क्षेत्र बावड़ी के फीडर से जुड़ी हुई है।

*वाटर बॉक्स की लाइन को जोड़ दिया ग्रामीण क्षेत्रों की लाइन से*

सन 1996_ 1997 जब कांग्रेस की सरकार थी सब गोजयारा डैम से पिटोल गांव तक की नल जल योजना का शुभारंभ तत्कालीन मंत्री दीपक सक्सेना द्वारा किया गया था और उस वक्त पिटोल से गोजयारा डैम तक की पानी की सप्लाई के लिए केवल बिजली की स्वतंत्र लाइन डाली गई थी पर जैसे-जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सप्लाई का लोड बढ़ने लगा तब बिजली विभाग ने इसी लाइन की ग्रामीण क्षेत्रों की लाइनों को जोड़कर वाटर वर्क्स की विद्युत सप्लाई को बाधित कर दिया।

*अब जगी है आशा*

आज दोपहर को इस समस्या के पूर्ण समाधान के के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी एन एस भीडे मुख्य अभियंता राहुल रघुवंशी सहायक यंत्री दिनेश जैन सब इंजीनियर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग विद्युत विभाग से पंकज दांगी कनिष्ठ यंत्री एवं पिटोल के सरपंच काना गुंडिया एवं वरिष्ठ नागरिक निर्भय सिंह ठाकुर भूपेंद्र नायक ने इस समस्या के समाधान के लिए दोनों विभाग के अधिकारियों को साथ बैठे बैठक कर यह निर्णय लिया कि पिटोल से गोजयारा डैम की विद्युत लाइन तीन महीनों के लिए 24 घंटे के लिए जोड़ दी जाएगी इसके बाद आम जनता के प्रयासों से यह लाइन परमानेंट जोड़े जाने के प्रयास किए जाएंगे एवं अभी एक सप्ताह के अंदर पिटोल की जनता को सुचारू एवं पर्याप्त पानी मिलने लगेगा यह आश्वासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दिया गया।