..और अब विधायक प्रतिनिधि बनने की जुगत में लगे कई कार्यकर्ता

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मयंक विश्वकर्मा@ आम्बुआ

विगत दिनों विधानसभा क्षेत्र जोबट के चुनाव संपन्न हुए जिसमें जो हारे वे हार के कारणों की समीक्षा में जुटे हैं उनके कार्यकर्ता अपनी सफाई देते देखे जा सकते हैं ताकि अपने नेता का विश्वास कायम रख सके मगर जो जीता है उस प्रत्याशी के नए पुराने दोनों कार्यकर्ता संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में विधायक प्रतिनिधि बनने की जुगत में जुटे हैं ताकि प्रशासन पर अपनी पकड़ बना सकें।

जोबट विधानसभा क्षेत्र जो कि कांग्रेस विधायक सुश्री कलावती भूरिया के निधन से खाली हुआ था पर घमासान रूप में चुनाव संपन्न हुआ हारने तथा जीतने वालों ने अथक प्रयास किए और जीत 6 उम्मीदवारों में से किसी एक की होना थी सो हो गई। भाजपा सत्ताधारी पार्टी में झाबुआ अलीराजपुर विधानसभा जहां सभी सीटें काग्रेस की थी मैं से अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट कांग्रेस से छीन कर उसकी प्रत्याशी श्रीमती सुलोचना रावत (पूर्व कांग्रेसी विधायक तथा राज्य मंत्री) जो कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आते ही टिकट मिला तथा जीत भी मिली। जो कार्यकर्ता कांग्रेस से उनके साथ भाजपा में आए हैं तथा वे कार्यकर्ता जो भाजपा में जमीन से जुड़े कार्यकर्ता रहे अब उनमें से कई कार्यकर्ता विधायक प्रतिनिधि बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुटे हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर ऐसे ही कुछ कार्यकर्ताओं ने बताया कि वह इस दौड़ में सबसे आगे है। बता दें कि विधायक प्रतिनिधि नाम की उपाधि जिन कार्यकर्ता को मिलती है वह विधायक की अनुपस्थिति में शासकीय बैठकों, भूमि पूजन, उद्घाटन, जैसे कार्यों को भी अंजाम देते रहे हैं प्रशासनिक हम हल्कों में उनकी अपनी एक धमक होती है। यदि चार पहिया या दो पहिया वाहन हो तो उस पर विधायक प्रतिनिधि की स्वर्ण रंग की चमचमाती प्लेट जरूर लगती है और यदि वाहन नहीं होता है तो कुछ महीनों बाद वाहन की व्यवस्था या यों कहे कि वाहन क्रय करने की क्षमता या बैंक से ऋण प्राप्त करने की क्षमता प्राप्त हो जाती है।

विधायक प्रतिनिधि विभिन्न प्रकार के प्रशासनिक स्तर पर बनाए जाते हैं पंचायत स्तर पर सरपंच प्रतिनिधि, जनपद, जिला पंचायत, कृषि उपज मंडी, सहकारी संस्थाओं आदि अनेक विभाग है जिनमें अलग-अलग विधायक प्रतिनिधि नियुक्त कर कार्यकर्ताओं को खुश कर दिया जाता है या तो कहे की प्रतिनिधि रूपी झुनझुना थमा कर कार्यकर्ताओं को कार्य का तोहफा दिया जाता है अभी नियुक्तियां नहीं की गई है मगर ऐसे पद चाहने वाले जीतोड़ जुगाड़ में जरूर रहे हैं देखें किसे क्या मिलता है कौन खुश होता है और कौन मायूस होता है।