कपिलधारा कुएं की राशि मे जमकर पलीता लग रहे नोकरशाह

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झाबुआ लाइव के लिए थान्दला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट –

2 1शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल से परे सिर्फ सरकारी दस्तावेजों में योजना पूर्ण होकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रदेशभर में शासन की योजनाओं का ढ़िढोरा पीटा लेकिन ग्रामीण किसानों को इन योजनाओं का लाभ नही मिल पाया। किसानों के भोलेपन और जानकारी के अभाव में इनका जमकर शोषण होता आ रहा हैं। शासन में बैठे कुछ भ्रष्ट नोकरशाह एवं जनप्रतिनिधियों के कारण योजनाएं इन गरीब किसानों के नाम से स्वीकृत तो जरुर हो जाती हे लेकिन मूर्तरुप नही ले पाती। एक ऐसा ही मामला आज से दो वर्ष पूर्व मेघनगर तहसील के ग्राम देवीगढ़ के किसान पूंजा पिता मल्ला नलवाया का सामने आया जिसमें उसका कपिल धारा कूप का अनुदान एक लाख 78 हजार रुपए का स्वीकृत होना बताया और खेत में सिर्फ कुएं का खनन कर इंजीनीयर ने इतिश्री कर ली। बाद में पूंजा के बेटे सोमला ने जानकारी निकाली तब पता चला की खनन के नाम से सिर्फ 49 हजार रुपए ठेकेदार रमेश जागीरदार थांदला को भुगतान किया गया शेष राशि के अभाव मे कुएं का कार्य रुक गया। कुए के अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए सोमला ने बड़ोदा बैंक से केसीसी लोन लेकर 60 हजार रुपए का कर्जा लिया और कुएं का कार्य पूर्ण किया। बैंक का कर्जा अभी देना बाकी है।हितग्राही को इस बात का शक है कि कूप का काम पुर्ण होने के उपरान्त इंजीनीयर द्वारा कूप का वेल्यूवेशन कर योजना की पूर्ण राशि भी आहरित कर ली गई होगी। उपरोक्त संबंध मे प्रार्थी सोमला ने कपिल धारा योजना अन्तर्गत शेष बकाया राश्ीि के संबंध में उच्चाधिकारियों को आवेदन देकर घोटाले की जांच की मांग की है।

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