अपना चातुर्मास कल्प पुरा कर प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी का विहार कल्याणपुरा की ओर

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रितेश गुप्ता, थांदला

 पावन नदी सा जिनका जीवन,चले विहंगम चाल रे।
जहाँ – जहाँ पर कदम धरें ये,
करते सबको निहाल रे।।
मर्यादिय सन्त जीवन में चातुर्मास कल्प के बाद निश्चय विहार का विधान है। कहा भी जाता है कि साधु का जीवन पावन सरिता के समान होता है जो जिधर से भी गुजरती है उधर हरियाली छा जाती है ऐसे ही सन्त विचरण से संघ समाज में संस्कारों की जागृति आना स्वाभाविक ही है। पूज्य श्रीधर्मदासजी सम्प्रदाय के प्रवर्तक व जिनशासन गौरव जैनाचार्य पूज्य उमेशमुनि “अणु” के प्रथम शिष्य पूज्य श्रीजिनेन्द्रमुनिजी, अभूयमुनिजी, गिरिशमुनिजी, शुभेषमुनिजी आदि ठाणा – 4 का विहार आज थांदला से कल्याणपुरा कि ओर हो गया। अधिमास के कारण पाँच माह थांदला में धर्म प्रभावना कर पूज्यश्री के प्रथम विहार में थांदला नगर के बच्चे, बड़े, वयोवृद्ध श्रावक-श्राविकाओं आदि सकल जैन संघ ने नम आँखों से भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर प्रवर्तक श्री ने सभी को धर्म सन्देश देते हुए निरन्तर आत्मिक आराधना व पाक्षिक पक्खी पर्व पर उपवास करने की प्रेरणा दी। शासनपति महावीरस्वामी आदि तीर्थंकरों व महामपुरुषों के गगनभेदी जय घोष के साथ ललित जैन नवयुवक मंडल, बाल मण्डल, धर्मलता महिला मण्डल, चन्दना श्राविका मण्डल, आईजा परिवार के सदस्यों ने गुरु भगवंत के साथ पैदल विहार करते हुए थांदला रोड़ नवीन स्थानक पर पधारें जहाँ प्रथम प्रवेश पर नवकार मन्त्र स्मरण के बाद पूज्यश्री ने सभी उपस्थित परिषद को मांगलिक श्रवण करवाई ततपश्चात गुरुभगवन्त का विहार अगराल कि ओर हो गया जहाँ अगराल व मेघनगर संघ ने गुरुभगवन्त का भव्य मंगल प्रवेश करवाया। प्रवर्तक देव आदि सन्तमण्डल कुछ समय विश्राम कर कल्याणपुरा कि ओर विहार करेंगे उनका कल्याणपुरा में कल प्रातः मंगल प्रवेश सम्भावित है। बामनिया विराजित विदुषी महासती मुक्तिप्रभाजी आदि ठाणा – 5 का विहार दोपहर 3 बजे रामपुरिया होगा जहाँ से प्रातः पेटलावद नगर में मंगल पदार्पण होगा। इसी तरह मेघनगर में विराजित पुण्य पुंज साध्वी श्रीपुण्यशीलाजी आदि ठाणा – 5 का विहार भगौर कि ओर हो गया है जहाँ से आपका प्रातः कल्याणपुरा में मंगल प्रवेश की संभावना है। उक्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।

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