झाबुआ के इस वरिष्ठ एडवोकेट ने राज्य सरकार से नगरीय सीमा से 8 किमी के दायरे मे आदिवासियो की भूमि गैर आदिवासियो को खरीदने की अनुमति देने का लिखा पत्र

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झाबुआ / अलीराजपुर Live डेस्क

मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिलो मे नगरीय सीमा के 8 किमी के दायरे मे आदिवासियो की भूमि गैर आदिवासियो को खरीदने की अनुमति दी जाये ओर इसके लिऐ जरुरी कानूनी संशोधन किये जाये .. यह मांग एक बार फिर झाबुआ के वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश चंद्र नीमा ने शाशन को पत्र लिखकर की है गोरतलब है कि बीते 24 जून 2019 को जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ के प्रवास पर आये थे ओर सर्किट हाऊस मे शहर के गणमान्य नागरिकों से मुलाकात की थी तब एडवोकेट जगदीश चंद्र नीमा ने लिखित मे बहुत से सुझाव दिये थे जिसमे मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की उपधारा 165 ( 6 ) के प्रावधानों को जिसमे अनुसूचित जनजाति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के अंतरण पर रोक को नगरीय सीमा से 8 किलोमीटर की परिधि मे विकास की आवश्कताओ के मद्देनजर विलोपित करने के सुझाव दिये थे .. एडवोकेट नीमा के सुझाव पर ही राज्य की कमल नाथ सरकार की अनुशंशा पर राज्यपाल महोदय द्वारा मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 165 की उपधारा ( 6 ड – ड ) तथा धारा 172 की उपधारा ( 6 -क ) के प्रावधान मध्यप्रदेश के राजपत्र ( असाधारण ) मे प्रकाशित कर विलोपित कर दिया है इस धारा के अंतग॔त सामान्य जाति के नागरिक भी अपनी कृषी भूमि प्राप्ति दिनांक से 10 वर्ष तक गैर कृषी प्रयोजन के लिऐ परिवर्तित करवाने से प्रतिबंधित थे । राज्य सरकार ने बकायदा सुझाव कर्ता एडवोकेट जगदीश चंद्र नीमा को पत्र भेजकर उक्त फैसले की सुचना दी है । इस संबध मे एडवोकेट जगदीश चंद्र नीमा का वीडियो बयान आप देख सकते है हमारे YOUTUBE चैनल पर ।

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