VIDEO: पेटलावद के राजापुरा में फल फूल रहा नकली ताड़ी का कारोबार; रहवासियों की मांग; हो सख्त कार्यवाही …

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
आदिवासी संस्कृति मे अब घूली मिली माटी की महक अब गायब हो गई है ओर इसमे रासायनिक गोलियों की मिलावट कर नशे का बडा कारोबार खडा हो गया है। ताडी का सीजन इन दिनों अन्तिम दोर में है, लेकिन पेटलावद में ताड़ी न जाने कहां से पैदा हो रही हैं, जिसका सेवन आसपास से आने वाले ग्रामीण भी कर रहे है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर मोन है।आबकारी विभाग के अधिकारियो पर भी सवाल खड़े हो रहे है, क्योंकि सबकुछ मालूम होते हुए भी न जाने क्यों इस ओर कार्यवाही नही कर रहे है। 
मामला पेटलावद के राजापूरा इलाके का है। दरअसल, यहां किराए से रह रही एक महिला द्वारा केमिकल युक्त ताड़ी बेचने का आरोप है। जो दूसरे राज्य से यहां आकर बसी है। पहले उसके पति यह धंधा करते थे, लेकिन कुछ वर्ष पहले उसकी मृत्यु हो गई। अब उक्त महिला यही रहकर ताड़ी का अवैध धंधा कर रही है। इसकी शिकायत मोहल्लेवासियों ने एसडीएम एमएल मालवीय, टीआई संजय रावत, आबकारी अधिकारी को अलग-अलग शिकायत पत्र सौंपकर की हैं।
आवेदन में उन्होंने बताया कि उक्त महिला मेला ग्राउंड पहुंच मार्ग वाले रास्ते पर रहती है और अवैध रूप से ताड़ी बेच रही हैं। उन्होंने बताया कि पेटलावद तहसील में कहीं भी ताड़ी का पेड़ नही है, फिर उक्त महिला द्वारा ताड़ी कहां से लाई जा रही है। जबकि घर मे केवल महिला ही है और वो कहीं भी जाती-आती नही है, फिर सेकड़ो लिटरो से ताड़ी कहां से आ रही हैं। पूरे लॉक डाउन में नकली ताड़ी का यह खेल खूब चला, लेकिन कोई कार्यवाही इस ओर नही हुई।
रहवासियों का आरोप है कि उक्त महिला द्वारा कई तरह के केमिकल पदार्थ मिलाकर सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो ताड़ी पीने वालों पर हानिकारक सिद्ध हो रही है। यहां नकली ताडी का कारोबार फलफूल रहा है, जहाँ राहगीरों के द्वारा उसका सेवन किया जा रहा है जिससे पीने से कई बार दुर्घटना भी हो जाती है।
रहवासियों ने बताया कि पास ही आंगनवाड़ी केंद्र है, जिससे बच्चो पर भी गहरा असर पड़ रहा है। यही नही जब उक्त महिला को रहवासियों द्वारा रोका गया तो उन्हें महिला होने की धमकी देकर भगा दिया। रहवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि उक्त महिला के ख़िलाफ़ कठोर से कठोर कार्यवाही कि जाए। शिकायत पत्र में मोहल्ले के राहुल दग्गल, मोहित पंवार नरेंद्र चारण, भोला दगल, जफर हुसैन, गोकुल, तिलक यादव, सूरज अटकान, रतनलाल, एहमद, शाकिर शेख, अनवर शेख, कांतिलाल विश्वकर्मा, इमामुद्दीन शेख, अमजद खान, राहुल चरपोटा, पवन अटकान आदि रहवासियों ने हस्ताक्षर कर विरोध जताया है।

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