स्कूलों में संचालित स्वयं सहायता समूह संचालकों ने स्कूल में अध्ययनरत छात्रों को खाद्यान्न सामग्री का किया वितरण

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भूपेंद्र सिंह नायक,पिटोल

कोरोना वायरस से जहां संपूर्ण विश्व सहित हमारे देश में लॉक डाउन चल रहा है। वही अब गरीबों के लिए खाद्य सामग्री एवं राशन एवं जीवन उपयोगी वस्तुओं के लिए परेशान होना आम बात हो रही है। वही जिला झाबुआ कार्यालय जिला पंचायत द्वारा जिले के सभी स्कूलों में चल रहे स्वयं सहायता समूह को एक आदेश पारित हुआ है जिसमें उन्हें मार्च-अप्रैल महा का खाद्यान्न आवंटित हो चुका है। क्योंकि अब लोग डाउन चल रहा है जिसके कारण समस्त स्कूल बंद है और यह खाद्यान्न सामग्री प्राथमिक स्कूल की छात्र छात्राओं को वितरण करना है जिसमें प्राथमिक स्कूल के बच्चों को 3 किलो 300 ग्राम तथा माध्यमिक स्कूल के छात्र छात्राओं को 4 किलो 950 ग्राम का पैकेट वितरण करना है जिसमें गेहूं के अलावा प्राइमरी स्कूल के छात्रों के खाते में 148 रुपए एवं एवं मिडिल स्कूल के बच्चों के खातों में 222 रुपए प्रति छात्र के खाते में डालें गए हैं। इस खाद्य वितरण में ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाना है जिसमें संस्था प्रधान जन शिक्षक पंचायत सचिव आदि लोग छात्रों के घर घर जाकर वितरण करेंगे। वहीं संस्था समूह जहां वितरण हुआ है उसका रजिस्टर में संख्या दर्ज करेंगे। इस खाद्यान्न वितरण में ग्रामीण क्षेत्रों के मजेरो टोलो में रह रहे ग्रामीणों छात्रों को अनिवार्य रूप से पहुंचाना होगा। वही पिटोल क्षेत्र में कई स्वयं सहायता समूह द्वारा वितरण कार्य चालू नहीं किया है। प्रशासन उन समूह से अति शीघ्र को वितरण करावे जिससे इस विकट घड़ी में लोगों को राशन की राहत मिले आज पिटल में बीआरसी भूपेंद्र सिंह किरार किशोर खेतेडीया रमेश भूरिया संकुल प्रधान जाटव ने नवदुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा वितरण कार्य किया गया।

जिला प्रशासन सरकारी राशन की दुकान से कराए राशन का वितरण

गुजरात सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे और मध्यमवर्गीय परिवारों को को 3 माह का राशन मुफ्त में वितरण किया जा चुका है जिसमें गेहूं चावल दाल शक्कर और नमक दिया जा रहा है परंतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस और अभी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की जा रही है अब लॉक डाउन का 17वां दिन हो रहा हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाइयों के परिवार को राशन के लिए समस्याएं हो रही है सुबह.सुबह सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण लोग बाजार की तरफ रुख कर रहे हैं और व्यापारी बिना कोई सामाजिक दूरी के इन लोगों को व्यापार दे रहे है। क्योंकि अब इन लोगों के घरों में भी राशन की समस्या आ गई है कि इन लोगों को भी अब राशन पानी की जरूरत है जिसमें खाद्य तेल, नमक, मिर्ची, मसाला, दाल, चावल आदि जरूरतों को सामान की आवश्यकता होती है परंतु शासन द्वारा इन चीजों की ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर व्यवस्था करवा दी जाए तो शायद सामाजिक दूरी का भी असर रहेगा। क्योंकि अभी हमारा जिला करो ना बीमारी से की महामारी से निरंक है अगर व्यापारी द्वारा इन्हें सामान देने के लिए मना किया जाता है तो यह व्यापारियों के ऊपर आक्रोशित होने लगते है।

 

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