एलोपैथिक पद्धति से इलाज करते हुए रंगे हाथ पकड़ाया फर्जी चिकित्सकों को एक वर्ष का सश्रम कारावास

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रितेश गुप्ता, थांदला
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जय पाटीदार ने आरोपी कैलाश पिता नारायण निवासी गुमानपुरा तहसील सरदारपुर जिला धार को 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से धारा 24 मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम के अंतर्गत दंडित किया। मीडिया सेल प्रभारी वर्षा जैन ने बताया कि आरोपी कैलाश खवासा में बाजना रोड पर हर्ष क्लीनिक के नाम से क्लीनिक संचालित कर एलोपैथिक पद्धति से इलाज करता था जबकि उसके पास एलोपैथिक पद्धति से इलाज करने की कोई वैध डिग्री नहीं थी और ना ही उसका नाम राज्य शासन द्वारा रखे जाने वाले स्टेट मेडिकल रजिस्टर में दर्ज था और ना ही वह एलोपैथिक पद्धति से इलाज करने के लिए सक्षम था। इसके बावजूद वह भोले भाले अशिक्षित लोगों को बेवकूफ बनाकर उनका इलाज एलोपैथिक पद्धत से करता था। 4 अप्रैल 2015 को राजस्व विभाग एवं खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने उसकी क्लीनिक पर छापेमारी कर आरोपी चिकित्सक को एलोपैथिक पद्धति से इलाज करते हुए रंगे हाथ पकड़ा, उस समय वह कई मरीजों का इलाज कर रहा था उसके कब्जे से भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां एवं मरीजों के पर्चे जब्त किए गए। क्लीनिक का पंचनामा बनाया गया छापामार कार्यवाही के पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थांदला के बीएमओ कमलेश परस्ते द्वारा जप्त दवाइयां पर्चे और पंचनामा के साथ एक लिखित आवेदन थाना थांदला में आरोपी के विरुद्ध अपराध दर्ज करने के लिए पेश किया गया। मीडिया सेल प्रभारी वर्षा जैन ने बताया कि थांदला पुलिस ने अपराध दर्ज कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात आरोपी के विरुद्ध वर्ष 2015 में अभियोग पत्र पेश किया लगभग 5 वर्षों तक चले विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपी के विरुद्ध आरोप को साबित करने हेतु अनेक साक्षी लिखित एवं मौखिक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। प्रकरण विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत हुए सहमत होते न्यायालय द्वारा आरोपी को कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया मध्य प्रदेश राज्य की ओर से प्रकरण का संचालन अभियोजन अधिकारी रवि प्रकाश राय द्वारा किया गया।

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