संविधान दिवस मनाया, शिक्षा विभाग के कर्मचारीयो अधिकारीयो ने संविधान की प्रस्तावना की ली शपथ

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योगेन्द्र राठौड़ सोंडवा
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भारत सरकार के निर्देशो के परिपालन में म0प्र0 शासन द्वारा दिनांक 26 नवम्बर 2019 से 26 नवम्बर 2020 तक संविधान दिवस के परिपेक्ष्य में विभिन्ना आयोजन किये जाने के निर्णय अनुसार जनपद शिक्षा केन्द्र सोण्डवा में भी संविधान दिवस मनाया जाकर जिसकी उदद्येशिका का वाचन कर उपस्थित कर्मचारीयो एवं अधिकारियो ने संविधान में प्रदत्त शक्तियो का निर्वहन करते हुए कार्य करने की शपथ ली । इसके पूर्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के छायाचित्र पर दीप प्रजव्लीत कर माल्यार्पण किया । इस अवसर पर बीआरसी भंगुसिंह तोमर ने कहा की हमारे देश का संविधान अन्य राष्ट्र से सर्वश्रेष्ट होकर पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक है । जिसे अन्य देशो ने भी अपनाया है । 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद देश को सही दिशा एवं दशा देने के लिए भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने इस संविधान को बनाने में दो वर्ष, 11 माह, 18 दिन में पूर्ण कर 26 नवम्बर 1949 को देश को समर्पित कर अंगिकृत किया, एवं 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को पूरे देश में लागू कर दिया गया । कार्यक्रम को बीएसी रायसिंह अवास्याि, कलसिंह डावर, सीएसी हुकुमसिंह वर्मा ने भी संबोधित किया इस अवसर पर समस्‍त जनशिक्षक एवं प्रशिक्षण में सम्मिलित शिक्षक उपस्थित रहे ।
सोण्डवा में 5 दिवसीय जीवन कौशल शिक्षा उमंग का प्रशिक्षण हुआ प्रारंभ

राज्य शासन एवं यूनिसेफ के सहयोग से सर्वशिक्षा अभियान के द्वारा प्रत्येउ माध्यमिक शालाओ से एक-एक चयनित शिक्षको एवं समस्त जनशिक्षको का 5 दिवसीय जीवन कौशल शिक्षा उमंग का प्रशिक्षण सोमवार से प्रारंभ किया गया है । प्रशिक्षण का प्रारंभ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ0 नरेन्द्र भयडिया एवं बीआरसी भंगुसिंह तोमर के द्वारा मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया । डॉ0 नरेन्द्र भयडिया ने कहा की जीवन कौशल ऐसी योग्यताए है जो किशोर-किशोरियो को दैनिक जीवन की जरूरतो को पूरा करने में और चुनौतियो का सामना करने के लिए समर्थ बनाती है । जीवन में कौशल शिक्षा मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्ति की स्थिति को बनाये रखने और दूसरो के साथ परस्पर व्यवहार के लिए जरूरी है । बीआरसी भंगुसिंह तोमर ने कहा की भारत को युवाओ का देश कहा जाता है युवाओ को स्वस्थ, आत्मविश्वासी और सक्षम बनाने हेतू शासन प्रतिबद्ध है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीवन कौशलो को दश कौशलो में संयोजित कर व्यक्ति को स्वावलंबन व स्थितियो को समझने, बेहतर विकल्प चुनने व क्रियान्वकयन करने मे मदद करते है ताकि वे सफल व सशक्त जीवन व्यतीत कर सके , ये मुख्यतः दस कौशलो में शामिल है स्वजागरूकता, अंतवैयाक्तिक संबंध, समानुभूति, प्रभावी संचार, निर्णय लेना, समस्या समाधान, सृजनात्मवक चिंतन, भावनाओ से जूझना, समालोचनात्कि चिंतन और तनाव का सामना करना ये सभी जीवन कौशल परस्पर जुडे हुये है और व्यक्ति को एक दूसरे के साथ दृढता प्रदान करते है ।इसलिए जीवन कौशल शिक्षा प्रति छात्रो के लिए अनिवार्य है । विकास खण्ड सोण्डवा में दो चरणो में प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है
कक्षा 5 एवं 8 वी की परीक्षा होगी बोर्ड पेटर्न पर, वर्चुअल क्लास के माध्य्म से शिक्षको को किया जा रहा प्रशिक्षित

इस वर्ष कक्षा 5 वी एवं 8 वी की परीक्षा बोर्ड पेटर्न पर आयोजित की जाना है जिसकी तैयारी के लिए भोपाल से प्रसारित वर्चुअल क्लास उ0मा0वि0 सोण्डवा में माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय के अंग्रेजी विषय पढाने वाले शिक्षको को वर्चुअल क्लास के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है बीआरसी भंगुसिंह तोमर ने बताया कि कठीन विषय अंग्रेजी भाषा के कौशलो के विकास एवं विषय वस्तु‍ को समझाने के लिए तथा अंग्रेजी विषय में बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए शासन द्वारा सभी शिक्षको को अंग्रेजी विषय में चरण वार प्रशिक्षित किया जा रहा हे जिससे अंग्रेजी विषय में पढाने वाले शिक्षको का समाधान के साथ सरल तरीको से अवगत कराया जा रहा है ।

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