नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने दिया, तो होगी तीन साल की कैद और जुर्माना, नया मोटर व्हीकल एक्ट के कानून बनने का रास्ता साफ

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अब्दुल वली पठान, झाबुआ
लाड़-प्यार में अगर आप अपने नाबालिग बच्चों को दोपहिया या चारपहिया वाहन चलाने को दे देते हैं, तो अगले 1 सितंबर यह आपको भारी पड़ सकता है। सड़कों पर नाबालिग अगर वाहन चलाते पकड़े गए तो मां-बाप को तीन साल की कैद और जुर्माना किया जाएगा। दरअसल, राज्य सभा ने कल नए मोटर व्हीकल एक्ट को पारित कर दिया है, जिसके बाद इस कानून को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के पश्चात गजट पब्लिकेशन के साथ ही यह लागू हो जाएगा। लोकसभा इस कानून को पहले ही पास कर चुकी है। हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट नीचे दिए गए बिंदुओं से जानिए, क्या है नए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान :-

नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य होगा।

बगैर हेलमेट या ओवरलोड दोपहिया वाहन पर 3 महीने के लिए ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य। बगैर हेलमेट पर 1 हजार रुपए और ओवर लोडिंग पर दो हजार रुपए जुर्माना।

नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक को 25 हजार रुपए का जुर्माना भरने के साथ-साथ 3 साल की सजा हो सकती है साथ ही जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला चलेगा।

अब हिट-एंड-रन के केस में सरकार पीड़ित के परिजनों को 2 लाख या इससे ज्यादा का मुआवजा देगी। ये रकम फिलहाल 25,000 है।

रोड रेगुलेशन्स के उल्लंघन पर अब 100 नहीं, 500 रुपए का जुर्माना।

टिकट के बिना ट्रैवल करने का जुर्माना 200 से बढ़कर 500 रुपए।
अथॉरिटी के आदेशों के उल्लंघन पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 2,000 रुपए। लाइसेंस के बिना अनाधिकृत वाहन इस्तेमाल करने पर जुर्माना 1,000 से बढ़ाकर 2,000 रुपए।

लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 5,000 रुपए। ड्राइविंग क्वालिफिकेशन के बिना ड्राइव करने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 10,000 रुपए।

ओवरसाइज्ड व्हीकल पर 5,000 का जुर्माना। ओवर स्पीडिंग पर जुर्माना 400 से बढ़ाकर LMV के लिए 1000 का जुर्माना और मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2,000 का जुर्माना।

खतरनाक ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपए। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा।

स्पीडिंग या रेसिंग करने पर 2,000 नहीं 10,000 हजार भरने होंगे। बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर 5000 से बढ़ाकर 10,000 रुपए।

कैब एग्रीगेटर्स जैसे ओला, उबर के वाहन लाइसेंसिंग शर्तों के उल्लंघन पर कंपनियों पर 25,000 से 1 लाख रुपए तक का जुर्माना। सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए।

एंबुलेंस जैसी आपातकालीन गाड़ियों को रास्ता न देने पर 10,000 रुपए का जुर्माना या फिर 6 माह की जेल। बिना इंश्योरेंस के 1,000 से जुर्माना बढ़ाकर 2,000 रुपए।

थर्ड पार्टी बीमा भी जरूरी है। ड्राइवर और क्लीनर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होगा। हादसे में मृत्यु पर 50 हजार से 5 लाख रुपए तक मुआवजे का प्रावधान है। अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत पर 25 हजार से 2 लाख और घायल होने पर साढ़े 12 से 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा, जिसमें सड़क पर चलने वाले सभी चालकों का इंश्योरेंस होगा। इसका इस्तेमाल घायल के इलाज और मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा। हादसे में घायल का फ्री में इलाज करना होगा।

लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वेरीफिकेशन अनिवार्य। कमर्शियल लाइसेंस 3 के बजाय 5 साल के लिए मान्य होंगे।
लाइसेंस रिन्यूवल अब खत्म होने के एक साल के अंदर कराया जा सकेगा। ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे। नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर करेगा।

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