इस सकारात्मक पहल का असर जरूर दिखेगा; इस अनोखी पहल में आप शामिल हुए या नही..?

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सलमान शैख़@ पेटलावद
वह कहते है न कि बन्द आंखों से देखे गए सपने कभी साकार नही होते है और जो खुली आँखों से सपना देखता है तो वो जरूर पूरा होता है।

जी हां, पर्यावरण संरक्षण की मुहिम रंग लाने लगी है। युवाओं की प्रेरणा से अब लोग न केवल पौधरोपण कर रहे हैं, बल्कि पौधा रोपण मुहिम में कुछ न कुछ योगदान भी दे रहे हैं। ऐसे ही कई युवा व समाजसेवी है, जिन्हें नाम मे नही काम मे विश्वास है, अब वे भी इस मुहिम में अपना योगदान दे रहे है। पौधरोपण की अलख जगाने के लिए किसी ने पौधों की तो किसी ने ट्री-गार्ड की, जिसको जैसे भी सहयोग का अवसर मिल रहा है वह हर कोई इस मुहिम से जुड़ रहा है। आज नगर के कई नागरिकों ने संस्था से पौधे प्राप्त किये और पौधों को पूरी सुरक्षा के साथ लगा भी दिए।
ऐसे कम होगा पर्यावरण प्रदूषण:
इन पौधों के पेड़ में बदल जाने के बाद ये शहर की सुंदरता तो बढ़ाएंगे ही साथ ही गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं को भी अवशोषित करेंगे। इससे हवा को स्वच्छ रखने में कुछ मदद भी मिलेगी।
जैसे-जैसे हमारे शहर का बोझ बढ़ता जा रहा है, वैसे ही शहर का पर्यावरण भी दिन ब दिन प्रदूषित होता जा रहा है। शहरों में इतनी गाड़ियां हो गई हैं कि उनसे निकलने वाले धुएं को अवशोषित करने के लिए पेड़ पौधे नाकाफी हैं। यह धुआं पर्यावरण और जीवन के लिए घातक है। इस प्रदूषण को कम करने के लिए इन युवाओं ने जो मुहिम चलाई है उससे बिना किसी द्वेष से शहर के हर संगठन को जुड़ना चाहिए। ऐसा नही है कि यह युवा अपने लिए कुछ कर रहे है, बल्कि पूरे शहर के लिए एक अहम प्रयास को करने में लगे है।
शहर के भीतर झांकने पर बहुत बड़ा क्षेत्रफल होने के बावजूद पेड़ पौधे नजर नहीं आते। इसी तरह शहर के अंदर बड़े-बड़े मकान बनाने वालों ने घर की बाउंड्रीवॉल को सीमेंट की सडक़ों से जोड़ लिया है जिससे मकानों के सामने पौधे लगाने के लिए स्थान ही नहीं बचा है। इसे तोडक़र पौधरोपण करने का फैसला ले।
पर्यावरण को बचाना भी उतना ही जरूरी होता है। इसीलिए पेटलावद के युवाओं ने इसे हरा-भरा बनाने का फैसला किया है। उम्मीद है कि पेटलावद में इस सकारात्मक पहल का असर जरूर दिखेगा।

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