जितेंद्र वाणी (राज) नानपुर
बीते रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि में नानपुर के आउटर पर खंडवा-बड़ौदा स्टेट हाई-वे पर कोई अज्ञात वाहन गश्त कर रहे नगर सैनिक (होमगार्ड) जवान समरथसिंह चौहान आयु 40 वर्ष को टक्कर मार घायल कर गया था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। नगर सैनिक समरथ की मौत कुछ सवाल भी छोड़ गई है। इन सवालों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि खुद सरकार अपने कर्मचारियों के साथ विभाग के अनुसार भेदभाव करती है। नगर सैनिक समरथ की मौत पर फिलहाल उसके परिवार को 75 हजार रुपए की आर्थिक सहायता तथा बाद में 50 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता मात्र ही दी जाएगी। नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति किसी परिजन को जरूर मिलेगी लेकिन सबसे बड़ी विडंबना इस पूरे घटनाक्रम में यह रही कि मृतक नगर सैनिक के अंत्येष्टि के समय कोई भी जिम्मेदार पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। परिवार व समाज के लोगों ने ही मिलकर अंत्येष्टि की। पुलिस विभाग की यह बेरुखी अंत्येष्टि में आए कई लोगों को खल रही है। लेकिन अंत्येष्टि में आए सभी लोग दबी जुबान पुलिस विभाग की इस बेरुखी की चर्चा करते देखे गए। इतना ही नहीं किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ कोई भी जनप्रतिनिधि भी मृतक होमगार्ड के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कब तक खुद सरकार खाकी पहनने वालों में इस तरह से भेदभाव करती रहेगी…? यूं तो इलाके में मृतक नगर सैनिक समरथ की मौत को लेकर कई तरह की चर्चाएं है। लेकिन पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने सीसीटीवी फुटेज में इस बात की पुष्टि की है कि कोई कार टाइप वाहन टक्कर मारकर भागा था उसके बाद मृतक समरथ के साथ गश्त कर रहे आरक्षक बलवंत ने अपनी बाइक से उक्त वाहन का पीछा भी किया। आरक्षक बलवंत द्वारा पीछे करने का प्रयास भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं।
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