चुनाव आयोग का बडा भेदभाव ; चुनाव संपन्न करवाने वाले पुलिसवालो को नही दिया गया ” मानदेय”

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

क्या चुनाव आयोग भी चुनाव करवाने वाले अपने अधिकारियों ओर कम॔चारियों मे भेदभाव करता है ? कागज पर जवाब मिलेगा भेदभाव नही करता लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि भेदभाव होता है । झाबुआ लाइव आज आपके सामने तथ्य के साथ खुलासा कर रहा है कि कैसा भेदभाव होता है .. दरअसल चुनाव करवाने के लिए आयोग सभी विभागो के अधिकारियों ओर कम॔चारियों की ड्यूटी लगाई जाती है इस दोरान बडी तादात मे पुलिस – होमगाड॔ – वन रक्षक ओर पैरा मिलिटरी फोस॔ के जवान भी लगाऐ जाते है लेकिन झाबुआ जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा ” खाकी धारियों ” को छोडकर सभी को निर्वाचन ड्यूटी का मानदेय उपलब्ध करवा दिया है साथ ही भोजन भत्ता भी दिया गया है जबकि खाकी वर्दी धारियों को मात्र भोजन का भत्ता ही दिया गया है मानदेय नही .. ! यह साफ भेदभाव है क्योकि खाकी वर्दी धारियों की सुरक्षा के बिना चुनाव संभव ही नही है ओर उन्हें ही मानदेय से वंचित रखा गया है । झाबुआ जिले की तीन विधानसभा सीटो पर करीब 2500 खाकी वर्दी धारी तैनात किये गये थे लेकिन इनमें से किसी को भी मानदेय नही मिला है । इस संबध मे झाबुआ कलेक्टर ओर जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सक्सेना का कहना है कि खाकी वर्दी धारियों को मानदेय देने का कोई प्रावधान नही है भोजन भत्ता देने का प्रावधान है वह हमने दे दिया है । इस संबध मे हमने कई पुलिस कर्मियों से संपक॔ किया सभी ने नाम ना छापने की शत॔ पर बताया कि उन्हें मानदेय नही मिला है ओर यह भेदभाव उन्हें दुखी करने वाला है लेकिन अनुशाशन के विभाग मे बंधे होने से हम कोई रियेक्शन नही दे सकते ।

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