लिंगानुपात मे दिल्ली से बेहतर साबित हुआ अलीराजपुर जिला

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लिंगानुपात मामले मे देश की राजधानी से कही बेहतर है आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिला

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चंद्रभान सिंह भदौरिया ( लेखक- खाद्यान्न सुरक्षा ओर पोषण विषय पर विकास संवाद के शोधार्थी है )  

आदिवासी भिलाला समाज की महिलाऐ
आदिवासी भिलाला समाज की महिलाऐ
दक्षिण दिल्ली के डेटा
दक्षिण दिल्ली के डेटा

) । 2011 की जनगणना मे मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल ” अलीराजपुर ” जिले को एक तमगा मिला वह था देश के सबसे निरक्षर जिले होने का । यहां की साक्षरता 2011 की जनगणना मे 37.20 % रही थी ओर आदिवासी आबादी 87% थी । लेकिन इस आदिवासी बहुल देश के सबसे निरक्षर जिले ने बेटियों ओर महिलाओं के सम्मान ओर संरक्षण के मामले मे देश की राजधानी दिल्ली के सबसे सुशिक्षित ओर समृद्ध जिले माने जाने वाले ” दक्षिणी दिल्ली ( saouth delhi ) को भी मात दे दी है जहां आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले मे स्त्री – पुरुष लिंगानुपात 1000 पुरुषो के मुकाबले 1009 महिलाओं का है वही दक्षिण दिल्ली में यह लिंगानुपात 1000 पुरुषो के मुकाबले 862 महिलाओं का है अगर बात 0 से 6 वर्ष के बच्चो के लिंगानुपात की करे तो उसमे भी आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिला बेहतर है यहां 2011 की जनगणना में 1000 के मुकाबले 971 बालिकाओं का शिशु लिंगानुपात है जबकि दक्षिण दिल्ली मे शिशु लिंगानुपात 1000 के मुकाबले 885 है  यह हालात तब है कि दक्षिणी दिल्ली जिले की साक्षरता 86.57 % है जबकि अलीराजपुर जिले में साक्षरता का प्रतिशत देश मे सबसे कम 37.20 % है । ऐसे मे सवाल बेटियों के संरक्षण को लेकर पढे लिखे लोगो ओर कम पढे लिखे लोगो की नियत मे अंतर के रुप में भी देखा जा रहा है अलीराजपुर के कलेक्टर शेखर वर्मा इस सकारात्मक आंकड़ो का श्रेय शाशन की बेटीयो ओर महिला संबधी योजनाओ को देते हुऐ कहते है कि इन योजनाओं ने बेटियों ओर महिलाओ को सशक्त बनाया है ओर समाज की जिम्मेदारी इससे कम हो गयी है । वही सामाजिक कार्यकर्ता ” शोभना ओंकार” कहती है कि अलीराजपुर जिले में बेटियों का सम्मान इसलिए भी है कि यहां बेटिया ओर महिलाऐ अपने हर रिश्ते को सिद्दत से निभाती है इसलिए समाज हमेशा इनके जन्म का स्वागत करता है । वही अलीराजपुर की जिला पंचायत की अध्यक्ष ” अनिता चौहान ” कहती है कि सामाजिक स्तर पर यहां वधू मूल्य परंपरा होने से लड़कियो को बोझ नही समझा जाता ओर उस पर सरकारी योजनाओ ने सोने पर सुहागा का काम किया है । वही सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कहते है कि सरकारी योजनाओ से ही अगर लिंगानुपात बेहतर हो जाता तो यह योजनाऐ तो पूरे देश – प्रदेश मे चल रही है फिर यह आंकडा बाकी जिले मे बेहतर क्यों नही है ? अलीराजपुर के भिलाला आदिवासी समाज से आने वाले विधायक नागरसिंह चोहान कहते है कि लिंगानुपात के यह शानदार आंकडे हमारे भुलाया आदिवासी समाज के लिऐ गौरव कुमार विषय है ओर वह यह दावा भी करते है कि सन 2021 की जनगणना मे यह आंकडा ओर भी शानदार होगा ।

 

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