नगर में आवारा पशुओं खुलेआम कर रहे विचरण, नगर परिषद के उदासीन रवैये से गंदगी-कीचड़ से सना नगर

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हरीश राठौड़, पेटलावद
नगर में स्थितियां बद से बदतर होती जा रही है किंतु जवाबदार नगर परिषद ध्यान देने को तैयार ही नहीं है। कहीं रोड निर्माण महीनों से पड़ा है तो कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो कहीं रोड खोद दिया गया तो उसे सही नहीं किया जा रहा है और कहीं नालियों का निर्माण हो रहा है तो उन्हें पूर्ण न करते हुए रहवासियों के घरों के सामने ही छोड़ा जा रहा है। कहीं ट्रेचिंग ग्राउंड के नाम पर पशुओं की बली ली जा रही है तो मांस के लिए दुकाने तैयार है किंतु उन्हें आवंटित कर लगवाने में कोई सुनवाई नहीं है। वहीं आवारा पशु सडक़ों और मोहल्लों में विचरण कर रहे है पर नगर परिषद का कांजी हाउस खाली पड़ा है।

वार्ड 8 में 19 लाख का रोड नहीं बन रहा.
वार्ड 8 जो की मुख्य स्टेट हाईवे से कॉलोनी को जोड़ता है जहां पर हजारों रहवासी कीचड़ के कारण परेशानी भोग रहे है। इस मार्ग के लिए 19 लाख रूपए मुख्यमंत्री अधोसंरचना से एक वर्ष पहले आ चुके है, किंतु नगर परिषद की उदासीनता के चलते कार्य नहीं हो पा रहा है। नागरिकों में आक्रोश है। इस मार्ग के कई फोटो रहवासियों ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किए। वहीं पेयजल पाइप लाइन के लिए नगर की सडक़ों को खोद दिया गया किंतु आज तक उन गड््ढों को सही प्रकार से नहीं भरा गया जो कि नागरिकों के लिए दुर्घटना का सबब बन चुके है, कई जगह गहरे गड्ढे हो गए है, जहां से निकल पाना भी मुश्किल है।

नाली निर्माण में कोई योजना नहीं-
वार्ड 1 में नालियों का निर्माण चल रहा है किंतु इन नालियों के निर्माण के पूर्व नगर परिषद ने कोई योजना नहीं बनाई केवल राशि आहरण के लिए नालियों का निर्माण किया जा रहा है। नालियों के निर्माण को लेकर न तो जनप्रतिनिधियों ने देखा न ही अधिकारियों ने देखा। आखिर नालियां कहां तक बनाई जानी थी। इस पर कोई निर्णय नहीं लिया और कार्य प्रारंभ कर नालियों के गंदे पानी को रहवासियों के घरों के सामने ही छोड़ दिया गया, जबकि मात्र 30 मीटर की नालियों का निर्माण ओर कर उस गंदे पानी को नाले तक पहुंचाया जा सकता था किंतु किसी भी जनप्रतिनिधि चाहे व पार्षद हो या अध्यक्ष उन्होंने ध्यान नहीं दिया रहवासी परेशान हो रहे हैं।

ट्रेचिंग ग्राउंड में पशु मर रहे है-
वहीं मेला ग्राउंड स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में अभी तक 3 बैलों की मृत्यु हो चुकी है मृत्यु का कारण ट्रेचिंग ग्राउंड में पड़ी प्लास्टिक की थैलियां पशुओं द्वारा खाई जा रही है, जो कि उनके लिए नुकसान दायक है किंतु इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है न तो नगर प्लास्टिक से मुक्त हो पा रहा है, न ही पशुओं की मृत्यु रूक रही है, यहां तक की मरे पड़े जानवरों के ऊपर ही कचरा डाला जा रहा है जो की बदबू मार रहे है और बीमारियों के घर बन जाएंगे।

लाखों की दुकाने वर्षों से सूनसान पड़ी-
मांस की दुकानों को अलग स्थान पर लगाने के लिए नगर परिषद द्वारा 4 वर्ष पूर्व 12 दुकानों का निर्माण किया गया जिसमें लगभग 10 लाख रूपए से अधिक खर्च किया गया किंतु उन दुकानों में आज तक मांस मटन की दुकाने नहीं लगी और मास मटन की दुकाने मुख्य मार्गों और रहवासी क्षेत्र में लग रही है जिसे लेकर नागरिकों ने एसडीएम से लेकर जन सुनवाई तो ठीक है मुख्यमंत्री तक आवेदन कर दिया किंतु जनता की कमाई के पैसे का दुरपयोग किया जा रहा है।

आवारा पशु पर कोई कार्रवाई नहीं-
नगर के मुख्य मार्गो पर इन दिनों एक बड़ी समस्या यह उत्पन्न हो रही है कि आवारा मवेशी मुख्य मार्गो पर बैठ जाते है। पूरे नगर में इनकी संख्या लगभग 100 से अधिक है इस ओर नगर परिषद द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि कांजी हाउस का निर्माण ऐसे ही आवारा पशुओं के लिए किया गया है किंतु वह भी खाली पड़ा हुआ है. जो पशु पालक अपने जानवरों को सडक़ पर खुला छोड़ देता है उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग नागरिकों ने की है।
इस सभी विषयों पर जब नगर परिषद के अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो उनका कहना है कि समय समय पर कार्रवाई की जाती है और अन्य मुद्दों पर लगातार निगाहे रखी जा रही है।

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