लोकार्पण के इंतजार में 1.25 करोड़ का स्कूली भवन, 327 बच्चे पांच कमरों में पुरानी स्कूल में पढऩे को मजबूर

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हरीश राठौड़, पेटलावद
327 बच्चे, 2 शिक्षक, 5 कमरे, हाईस्कूल व मिडिल की 5 कक्षाएं संचालित हो रही है ग्राम कालीघाटी में विडंबना यह है कि एक वर्ष से तैयार हाईस्कूल की 1.25 करोड़ की बिल्डिंग लोकार्पण के अभाव में आज तक प्रारंभ नहीं हो पाई, जिससे 327 बच्चों को पांच कमरों में एक-एक कमरे में लगभग 60 से 65 बच्चों को बिठाया जा रहा है। शिक्षक भी मात्र 2 जो की मिडिल और हाईस्कूल की पांच कक्षाओं को पढ़ा रहे है। आखिर रिजल्ट कैसे अच्छा आएगा और बच्चों के भविष्य का क्या होगा। पिछले वर्ष हाईस्कूल का रिजल्ट 38 प्रतिशत रहा जिसका मुख्य कारण पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं और बच्चों के बैठने के लिए कमरे नहीं है।
7 किमी दूर पैदल आती है बालिकाएं.
शुक्रवार को भी हाईस्कूल काली ााटी की यही स्थिति रहीं है जहां पर मिडिल स्कूल के 177 व हाईस्कूल के 150 बच्चे दर्ज है। इस स्कूल में आसपास के 10 गांव के बच्चें हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए पैदल आते है जिनमें बालिकाएं भी शामिल है, यहां पर बालिकाओं ने बताया कि हम काचरोटिया 7 किमी दूर, कुंडिया 7 किमी दूर, भगतिया 5 किमी दूर, पीपली पाड़ा 4 किमी दूर, नरसिंह पुरा खेड़ा 9 किमी दूर, कास्याखाली 4 किमी दूर, गरवाडी 5 किमी दूर से बालक और बालिकाएं पैदल आती है। लगभग आधे छात्र बाहर से आते है। 7 किमी दूर काचरोटिया से आने वाली कक्षा 9वीं की छात्रा संतोषी खराड़ी का कहना है कि हम तीन लड़किया और चार लडक़े प्रतिदिन पैदल आते है और पैदल ही जाते है। 4 किमी दूर कुंडली से आने वाली कक्षा 9वीं की छात्रा पपीता डामर का कहना है कि हमारे लिए साइकल की कोई व्यवस्था नहीं है। इस बार साइकल देने की बात कहीं गई थी किंतु अभी तक नहीं आई है।
भवन बना है किंतु लोकार्पण का इंतजार है.
हाईस्कूल के लिए भवन बन कर तैयार है शिक्षकों से पूछा तो उन्होंने बताया कि लगभग नवबंर-दिसंबर से यहां काम बंद है और ताला लगा हुआ है। भवन केवल लोकार्पण का इंतजार कर रहा है. कमरे सभी तैयार है किंतु अभी तक हैंडओवर नहीं हुआ है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी बता दिया गया है। भवन बनने के बाद भी बच्चे आज तक इंतजार कर रहे है। उन्हें पुराने मिडिल स्कूल के भवन में ही जैसे तैसे बिठाया जा रहा है।
अतिथि में सेवा दे रहे है.
इस समय तक अतिथि शिक्षकों के कोई आदेश नहीं आए है किंतु काली घाटी के ही 5 युवा अपनी सेवाएं 16 जून से स्कूल में दे रहे है क्योंकि पिछले वर्ष उन्होंने यहां अतिथि शिक्षक के रूप में सेवाएं दी थी। अन्यथा 2 शिक्षक 5 कबाओं और 327 छात्रों को कैसे संभाल सकते है. अतिथि शिक्षकों से पूछा गया कि आपका वेतन नहीं मिलेगा तो उनका कहना है कि हमारे गांव के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दे सकते है चाहे वेतन मिले या न मिले।
इस संबंध में बीईओ संजय हुक्कु से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि आपके द्वारा जानकारी दी गई है इस मामले में स्थानीय शिक्षक से चर्चा करता हूं। उद्घाटन के लिए यदि रुकी हुई है तो मामला दिखवाता हूं।

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