पुलिस ने महिला अपराधों के संंबंध में कार्यशाला में बोले कलेक्टर संयुक्त परिवार का विघटन, महिला संबंधी अपराधों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण

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फिरोज खान, ब्यूरो चीफ अलीराजपुर
जिला मुख्यालय के आजाद भवन में महिलाओं पर हो रहे अपराधों के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल द्वारा किया गया। आयोजित कार्यशाला के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि घरेलू हिंसा की घटनाएं घर-घर में हो रही है, जिससे समय रहते चिन्हित किए जाने की आवश्यकता है तथा महिलाओं पर हो रहे अपराधों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाना पड़ेगा। कार्यशाला के दौरान कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि कानून तोडऩे वालों पर समान दंड होना चाहिए। महिला संबंधी अपराधों पर जीरो टोलरेंस की कार्रवाई होना चाहिए। वर्तमान में बच्चों पर विशेष ध्यान दिए जाने की अति आवश्यकता है जो कि संयुक्त परिवार का विघटन, महिला संबंधी अपराधों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है। वर्तमान में एकल परिवार में समय अभाव के कारण बच्चों द्वारा मोबाइल, टीवी, इंटरनेट आदि पर अधिक समय व्यतीत किया जाता है, जिसके भी चुनौतीपूर्ण परिणाम सामने आ रहे हैं। एसपी विपुल श्रीवास्तव द्वारा कार्यशाला के दौरान बताया कि पुलिस को बहुत अधिक संवेदनशील होकर कार्य करना होगा, तथा सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु महिलाओं को अधिक से अधिक शिक्षा के क्षेत्र से जोडऩा होगा। आयोजित कार्यशाला के दौरान प्रो. पीएस ठाकुर, फोरेंसिक डिपार्टमेंट एमजीएम कॉलेज इंदौर द्वारा महिला संबंधी अपराधों में वैधानिक साक्ष्य के संबंध में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला तथा पुलिस के मैदानी अधिकारियों को महिला संबंधी अपराधों में उम्र का निर्धारण, डीएनए टेस्ट के संबंध में विस्तृत रूप से बताया। इस दौरान मानव दुव्र्यपार, अनैतिक व्यापार, लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 जेजेएक्ट, बाल कल्याण दंड समिति दंड विधि संशोधन अध्यादेश 2018 महिला संबंधी अपराधों में आने वाली कठिनाइयों जैसे 498 ए भादवि, घरेलू हिंसा को लेकर विस्तृत चर्चा की गई तथा यूनिसेफ की मानव दुव्र्ययापार के संबंध में बनाई गई फिल्म भी प्रदर्शित की गई। उक्त कार्यशाला के दौरान एनजीओ साधना, निवेदिता सक्सेना, मंजुला जोशी द्वारा मानव दुव्र्यापार अधिनियम, रेमसिंह डुडवे, सुधीर जैन, देवेंद्र मीणा द्वारा लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 जेजेएक्ट बाल कल्याण समिति सुनीता द्वारा मंडलोई द्वारा डीएनए, उपुअ घनश्याम बामनिया, निरीक्षक शर्मिला चौहान, एडवोकेट अर्चना राठौर के द्वारा महिला अपराधों के अनुसंधान कानून पर प्रकाश डाला तथा महिला संबंधी अपराध में धारा 498-ए भादवि घरेलू हिंसा के संबंध में दर्ज की जाने वाली प्रथम सूचना प्रतिवेदन के संबंध में उपुअ मेवालाल मोरे, निरीक्षक दिनेश सोलंकी, निरीक्षक जनकसिंह रावत द्वारा विस्तृत रूप से पुलिस के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी को बताया गया। एएसपी सीमा अलावा ने भी महिला अपराध पर विस्तृत से बताया।