आप व्हाट्सएप यूजर्स हैं तो यह खबर आपके काम की है, व्हाट्सएप में आया झूठ पकडऩे वाला नया फीचर!

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अब्दुल वली पठान, झाबुआ
इंस्टैंट मैसेजिंग एप वॉट्सएप में एक काम की फीचर आया है। यह फीचर भ्रम फैलाने वाले फॉरवर्ड किए गए मैसेज के रोकथाम और सच्चाई समझने में मदद करेगा। कई बार फॉर्वर्ड किए गए वॉट्सएप मैसेज को लोग सच समझने की गलती कर देते हैं। यह नया अपडेट एंड्रॉयड के लिए जो फिलहाल 2.18.179 बीटा वर्जन में है। इस अपडेट के बाद फॉर्वर्ड किए गए मैसेज पर फॉरवर्डेड लिखा हुआ लेबल दिखेगा। इस लेबल के जरिए यूजर्स यह समझ सकेंगे कि कौन से मैसेज फॉर्वर्ड किए गए हैं और कौन से मैसेज कंपोज किए गए हैं। फॉरवर्डेड लिखा हुआ लेबल सेंडर और रीसिवर दोनों को ही मिलेगा। उदाहरण के तौर पर आप किसी के भेजे गए मैसेज को किसी दूसरे कॉन्टैंक्ट को भेज रहे हैं तो उसे और आपको दिखेगा कि ये मैसेज आपने खुद से नहीं लिखा है जबकि फॉरवर्ड किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल ये फॉरवर्ड का लेवल डिसेबल करने का ऑप्शन नहीं है। गौरतलब है कि फेक न्यूज और गलत जानकारियां वॉट्सऐप पर तेजी से फैलती हैं और इसके लिए वॉट्सऐप पर सवाल भी उठते रहे हैं। इस फीचर से ऐसा लगता है कंपनी आगे भी इस तरह के फीचर ला सकती है जिससे फॉरवर्ड मैसेज पर रोक सके खास कर वो जो गलत और भ्रामक होते हैं।
वॉट्सएप पेमेंट में देरी
वॉट्सएप को भारत में डिजिटल पेमेंट यानी पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा को पूरी तरह से शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से हरी झंडी मिलनी बाकी थी, लेकिन ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सएप पे बीटा वर्जन के टेस्टिंग सैंपल को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने सिर्फ 1 मिलियन यूजर तक लिमिट कर दिया है जो वॉट्सऐप के टोटल यूजर्स का सिर्फ 1 फीसदी ही है। भारत में वॉट्सएप के लगभग 200 मिलियन मथली यूजर्स हैं और रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 7 लाख लोगों ने वॉट्सऐप पे को ट्राई किया है। आपको बता दें कि वॉट्सएप पे को मार्च तक ही लॉन्च होना था लेकिन फेसबुक.कैंब्रिज ऐनालिटिका स्कैंडल के बाद से यह अधर में है और इसके पीछे की वजह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का डेटा स्टोरेज को लेकर दिया गया आदेश है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइन में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन है जिसे वॉट्सऐप नहीं मानता है। रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे यूपीआई ऐप्लिकेशन की तरह बैंकर्स का मानना है कि वॉट्सएप टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को नहीं मानता है। कुछ ऐसी ही बात पे-टीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने तब कही थी जब वॉट्सएप पे का बीटा वर्जन आया था।