धूमधाम से मना श्री कृष्ण, नरसिह, वामन जन्मोत्सव

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थांदला

श्री मद भागवत सप्ताह के चतुर्थ दिवस पर भगवान के कृष्ण ,नरसिंह, ओर वामन अवतार के जन्मोत्सव की रोचक कथा गौभक्त संत रघुवीरदास द्वारा कही गई।इस अवसर पर पूरा कथा स्थल पर विशेष साज सज्जा की गई थी जन्मोत्सव प्रसंग आते ही पूरा पंडाल भक्ति में झूम उठा हर कोई भगवान के जन्मोत्सव में डूबा नजर आया। नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जयकर से समूचे पंडाल में भक्तिरस बरषा मटकी फोड़ी गई वही स्थानीय कलाकार वासुदेव जी का रूप धर पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण को टोकरी में लेकर पहुचे समस्त श्रद्धालुओं ने जयकर के साथ भगवान की आगवानी की।
महाराज श्री ने कहा धर्म और अधर्म दोनों ही एक साथ चलते है। नरसिंह जन्म प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया हमेशा अधर्म आगे पहले चलता है धर्म अधर्म को नाश करने के लिये पीछे चलता है। हिरण्यकश्यप का अधर्म बढ़ा तो भगवान भक्त प्रहलाद के पुकारने पर अवतरित हुए । कंश के अधर्म का नाश करने श्री कृष्ण ने जन्म लिया । वामन अवतार लेकर पूरा ब्रह्माण्ड को नापा था ।
भगवान के चौबीस अवतार धर्मोत्सव है।