जश्ने ख्वाजा गरीब नवाज में नातखानी व तकरीर का आयोजन कर, वतन की खुशहाली की दुआओं में उठे हाथ

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
हजरत ख्वाजा गरीब नवाज को वतन से बहुत मोहब्बत थी उन्हें हिन्द का वली कहा जाता है। ख्वाजा गरीब नवाज वतन की खुशहाली, वतन से मोहम्मद कर भूखों को खाना खिलाना, प्यासे को पानी पिलाना एवं भटके हुए लोगों को राह दिखाने का काम करते थे। सभी धर्मो का सम्मान करते हुए सभी से नेक रास्ते पर चलने की बात करते थे। यह बाते जावरा के पास हसनपालिया से आए ईमाम हजरत रईस आलिम साहब ने तकरीर में कही। शहर के हुसैनी चौक में सिलसिला-ए-चिश्तिया के सूफी संत हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती (गरीब नवाज अजमेरी) रहमतुल्ला अलैह के सालाना उर्स के दौरान छठी के मुबारक मौके पर बाद नमाज ईशा नातखानी व तकरीर का आयोजन किया गया। छठी की फातिहा के बाद लंगर तक्सीम करने का दौर भी चलता है। बता दे कि यह वही ईमाम साहब है जिन्होने पिछले 9 वर्ष पहले पेटलावद की सरजमी पर रहकर समाजजनो में दीन के प्रति मोहब्बत और अखलाक का पैगाम दिया था और सभी समाजजनो में एक नई ऊर्जा का संचार किया था।
ईमाम साहब ने आगे कहा आज उनके आस्ताने अजमेर शरीफ सभी धर्मो के लोग जियारत करने पहुंचते हैं एकता का पैगाम देने वाले, हिन्द के वली की दरगाह पर हजारों जायरीनों का रोजाना मजमा लगा रहता है। उन्होनें अपनी तकरीर में हजरत गरीब नबाज के हयाते उमरी से लेकर कल कयामत तक का जारी फैज को तरीके से लोगों को बताया। तकरीर के दौरान उन्होने नगर के साथ वतन की सलामती, भाईचारे, मोहब्बत, अमनो अमान की दुआएं मांगी। इसके साथ ही उन्होने गरीब नवाज की मनकवत में लोगों को मदहोश कर दिया। तकरीर के दौरान महफिल में दरूदे पाक का नजराना पेश किया गया। प्रोग्राम के अंत में सभी ने सलाम पढ़ा और दुआएं मांगी।

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