नगर की यातायात व्यवस्था चरमराई, मुख्य मार्ग ठेलागाडिय़ों से पटा, रहगीर परेशान

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर में मुख्य मार्गों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, चार दिन पहले हुए दुर्घटना में एक युवक की मौत के बाद भी प्रशासन अभी तक सजग नहीं हुआ है केवल एक या दो दिन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई फिर स्थितियां इस प्रकार बनती जा रही है। मुख्य मार्गों पर ही वाहनों को खड़ा रखा जा रहा है, जो सब्जी की दुकाने हटाई गई थी वह पुन: अपने स्थान पर पहुंचने लगी है। वहीं थेला गाड़ी वालों ने भी मुख्य मार्ग पर कब्जा करना प्रारंभ कर दिया है। यहीं नहीं मुख्य मार्ग पर ही बड़े वाहन खड़े रहने लगे है। यह स्थितियां एक बार पुन: किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने वाली है।
जनता की इच्छा शक्ति में कमी-
जनता का आक्रोश भी मात्र एक दिन के लिए घटना के समय जाग्रत हुआ उसके बाद वहीं स्थितियां बनने लगी है जो कि एक ओर दुर्घटना की ओर इशारा करती है। इसे लेकर नागरिकों में भी जागृति और अपने नगर को सुंदर बनाने के लिए कोई जस्बा होना चाहिए किंतु इस मामले में जनता की ओर से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। केवल हंगामा खड़ा करने के समय सब लोग सडक़ों पर आ गए थे किंतु व्यवस्था के सुधार की दिशा में किसी भी जनप्रतिनिधि या सामाजिक कार्यकर्ता या जनता की इच्छा शक्ति दिखाई नहीं दे रही है जिसका परिणाम आने वाले समय में एक बार पुन: दुर्घटना के रूप में भुगतना पड़ सकता है। नगर परिषद द्वारा भी नोटिस दे कर अपना कर्तव्य पूर्ण समझ लिया गया है। नोटिस देने के बाद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई जिसका परिणाम है कि मुख्य मार्गो पर आज भी बेताहाश दुकाने लगी हुई है और यातायात व्यवस्था चरमरा रही है। वहीं एसडीएम हर्षल पंचोली द्वारा भी निर्देश दिए गए थे कि सोमवार को बाद मुहिम चला कर संपूर्ण रोड को साफ किया जाएगा किंतु एक दिन भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं चल पाई जिस कारण से स्थितियां बिगड़ती जा रही है।
एक भी ट्रेफिक जवान नहीं-
सबसे बड़ा मुद्दा पेटलावद जैसे बड़े नगर में एक भी ट्रेफिक जवान नहीं है जिस कारण यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए कोई जवाबदार नहीं है। इसी के चलते जिसका जहां मन होता है वाहन खड़े कर देता है। मुख्य मार्ग पर ही मोटर साइकले खड़ी रहती है। यदि एक स्थाई ट्रेफिक जवान हो तो उसके द्वारा सतत कार्रवाई की जाए और मुख्य मार्ग पर खड़े रहने वाले वाहनों को हटाया जाए जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित नहीं हो।

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