नदी-तालाबों व शासकीय भूमियों पर अवैध ईंट भट्टे संचालकों की भरमार, प्रशासनिक अमले से सांठगांठ कर जमकर फैला रहे हैं प्रदूषण

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अलीराजपुर लाइव के लिए नानपुर से जितेंद्र वाणी (राज) की एक्सक्लूसिव पड़ताल –

नानपुर में अवैध ईंट भट्टों का संचालन हर जगह किया जा रहा है। ईंट भट्टे में लगे व्यवसायी नदी-तालाब तथा खाली पड़ी शासकीय भूमियों पर अपने ईंट भट्टों का संचालन धड़ल्ले के साथ कर रहे हैं। यही नहीं यह ईंट भट्टे व्यवसायी शासकीय भूमियों के साथ नदी-तालाबों का जिलेभर में दोहन कर रहे हैं। लेकिन इन सबके लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अमला सब कुछ जानते हुए भी अंजान बना हुआ है। नानपुर ही नहीं बल्कि जिलेभर के नदी-तालाबों, शासकीय भूमियों पर इन ईंट भट्टे व्यवसायियों ने अपना कब्जा जाम लिया।
नदियों-तालाबों से कर रहे पानी का दोहन-
अवैध ईंट भट्टे व्यवसायी नदियों, तालाबों से पानी का धड़ल्ले से दोहन कर रहे हैं। यहीं नहीं नदी-तालाबों में अवैध ईंट भट्टे लगा देने के कारण पानी भी प्रदूषित कर रहे हैं। नदियों का प्रदूषित पानी कई जगह सप्लाई किया जा रहा है जो मानव स्वस्थ के लिए हानिकारक बन रहा है। इस पानी के पीने से बच्चे, बुजुर्ग को पेट की अनेक बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है।
जमकर फैला रहे हैं प्रदूषण-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत के नारों को अवैध ईंट भट्टे व्यवसायी मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं। यह अवैध ईंट भट्टे व्यवसायी नदी-तालाबों पर दंबगता व दादागीरी के साथ भट्टों का संचालन कर रहे हैं और जिलेभर की नदियों-तालाबों को गंदा कर रहे हैं। जिलेभर की नदियों में ईंट भट्टे लगे आसानी से देखे जा सकते हैं और इन ईंट भट्टों के लिए मिट्टी का जमकर उत्खनन वह भी रेत बिना राल्यटी चुकाए यह व्यवसायी कर रहे हैं। इसी के साथ नदियों में ईंट भट्टे लगाने के चलते पानी का बैजा इस्तेमाल मोटरों द्वारा बिना बिजली कनेक्शन लिए कर रहे हैं जिससे एमपीइबी को भी बिजली चोरी कर चपत लगा रहे हैं, तो वही प्लास्टिक की थैलियां व अन्य कचरा लाकर ट्रैक्टरों के माध्यम से ईंट भट्टों में लाकर जलाया जा रहा है जिससे जमकर प्रदूषण हो रहा है। ईंट भट्टों से तमाम गंदियों का कचरा जलाया जाता है तो विषैली दुर्गंध उठती है और शहरी क्षेत्रों में भी फैलती है जिससे बच्चे, बूढ़े तथा बीमारों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है, लेकिन प्रशासनिक अमले में बैठे जिम्मेदार अपने ऑफिस के एसी रूम से बाहर निकलकर इन अवैध ईंट भट्टे संचालकों पर न जाने कौन सी सद्भावना के चलते कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। गौरतलब है कि जिलेभर में अवैध ईंट भट्टे संचालकों के खिलाफ अभी तक प्रशासनिक अमले एक भी कार्रवाई नहीं की है जिससे दिन-प्रतिदिन इन अवैध कारोबारियों से जुड़े लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो रहा है। नदी-तालाबों के पानी को जमकर प्रदूषित किया जा रहा है। नानपुर ही नहीं तीती, फाटा, मोरासा, सेजगांव, राजावट सभी जगह जगह मिट्टी को खोद के भट्टे संचालित किए जा रहे है जिसमे खनिज विभाग व जिले के अधिकारियों की साठगांठ खुलेआम प्रशासन को चुनौती दे रहा है। शाम होते ही ईंट भट्टे जलाए जा रहे हैं जिससे आसपास रहने वाले हजारों लोगों को ईंट भट्टों से उठे जहरीले धुएं का सामान करना पड़ रहा है और क्षेत्र धुएं के आगोश में चला जाता है। नानपुर में खंडवा-बड़ौदा रोड से लगभग 5 फीट दूरी से ईंट-भट्ठे लगाए गए है जो आसानी से देखा जा सकते है। ताज्जुब की बात तो यह है कि इन अवैध ईंट भट्टों के लिए बैंकों व सरकारी की ओर से बकायदा ऋण भी इन अवैध ईंट भट्टे संचालकों को मुहैया करवा कर अवैध कारोबार करने की खुली छूट दे दी है, ताकि वे पर्यावरण के साथ-साथ नदी-तालाबों के पानी के प्रदूषित कर सके और इससे उठाने वाले धुओं से मानव शरीर को जमकर हानि पहुंचा सके। वहीं क्षेत्र की नदियों को प्रदूषित कर चुके इन अवैध ईंट भट्टे संचालकों के हौसले बुलंदी पर है और प्रशासनिक मशीनरी के सांठगांठ के चलते शासकीय भूमियों पर अवैध ईंट भट्टे के संचालकों में इजाफा हो रहा है और वे कई जगह जंगलों की लकडिय़ां काटकर इन ईंट भट्टे को जला रहे हैं और जमकर प्रदूषण फैला रहे हैं। कई अवैध ईंट भट्टों में जलाने के लिए प्रयुक्त कोयला भी लाया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक अमला आखिर कब तक कान में तेल डालकर सोता रहेगा और कार्रवाई के नाम पर कभी जाग भी गया तो इक्का-दुक्का छोटे कारोबोरियों पर प्रकरण दर्ज कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेगा।
जिम्मेदार बोल-
नानपुर में अवैध ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं, इन भट्टों की लगाने के लिए खनिज विभाग से अनुमति ली जाती है। अगर यह प्रदूषण फैला रहे हैं तो खनिज विभाग इन पर कार्रवाई करे। – इश्वरसिंह चौहान, थाना प्रभारी नानपुर

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