पशु चिकित्सालय पर डॉक्टर नदारद, शिकायत के बाद भी हल नहीं ग्रामीणों में रोष

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अलीराजपुर लाइव के लिए बड़ी खट्टाली से विजय मालवी की रिपोर्ट-
पलासदा ग्राम पंचायत के पशु चिकित्सालय पर एक वर्ष से ताला लटका हुआ है। इलाज के लिए पशुओं को लाना पड़ रहा है जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पलासदा में लगभग 1 वर्षों से पशु चिकित्सालय बंद होने के कारण आसपास के बीमार पशुधन को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण कई पशु काल का ग्रास बन जाते हैं। कहीं ग्रामीणों कुछ समस्या चिकित्सालय बंद होने के कारण आसपास के ग्रामीणों व पशुपालकों के लिए समस्या पैदा हो गई अब पशुओं का इलाज करवाने के लिए अलीराजपुर लाना पड़ रहा है। आर्थिक परेशानी पशुधन की मौत आर्थिक रुप से कमजोर पशुपालकों के लिए किराए का वाहन करके जिला मुख्यालय पर लाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में समय पर चिकित्सा के अभाव में पशु अकाल मौत के मुंह चले जाते हैं। ग्रामीणों में पशुपालन विभाग को लेकर काफी रोष व्याप्त है।
कई बार दे चुके है आवेदन-
ग्राम पंचायत के सरपंच मुलेश बघेल ने बताया कि हमने लोक कल्याण शिविर में भी आवेदन दे कर विभाग को सूचित किया है कि जल्दी ही यहां पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जाए।
-मुकेश बघेल, सरपंच पलासदा
चिकित्सक नही होने से पशुपालकों का नुकसान-
कहीं चिकित्सक नहीं है तो कही उपकरण। से ही हालात हैं जिले में पशु चिकित्सा सेवा के। वर्षो से चिकित्सकों के पद रिक्त होने से पशुओं की बीमारी लाइलाज हो रही है। से में पशुपालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। पशु चिकित्सालय भी बदहाल स्थिति में है। कई माह से पशु चिकित्सक नहीं होने का खामियाजा पशु मालिकों को भुगतना पड़ता है। वहीं पशु के बीमार होने पर निजी चिकित्सक व झोलाछाप से उसका उपचार करवाते हैं। 

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