400 लीटर स्प्रीट से बना लेते है 3 लाख रुपए की शराब

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
आबकारी विभाग ने मुखबिर की सूचना पर धार- झाबुआ की सीमा पर लगे ग्राम कसारबर्डी से 400 लीटर स्प्रीट सहित अन्य सामान जब्त किया। गांव के एक खेत में अवैध रूप से नकली शराब बनाने का काम चल रहा था। आरोपी फरार हो गए। आरोपी की तलाश जारी। आबकारी पुलिस ने यहां से मक्का के खेत में से 400 लीटर स्प्रीट जब्त की। अज्ञात आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट की धारा 34,1, 34 ,2 और 49 ए में प्रकरण दर्ज किया है। आबकारी विभाग के अनुसार नकली शराब बनाने के मिनी कारखाने पर मुखबिर की सूचना पर झाबुआ और पेटलावद की आबकारी टीम ने छापामार कार्रवाई की। जिसमें लगभग 50 हजार रूपए की कच्ची स्प्रीट के साथ उसके तैयार करने की सामग्री जएंत की गई। सहायक जिला आबकारी अधिकारी सजेंद्र मोरी, राजेश मंडलोई और आबकारी उपनिरीक्षक कपिल मांगोदिया ने बताया मुखबिर से सूचना मिली थी कि ग्राम कसारबर्डी में स्प्रीट से अवैध शराब बनाकर बेचने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी के निर्देशन में आबकारी विभाग झाबुआ और पेटलावद की टीम गठित की गई। उसके बाद टीम ने छापामार कार्रवाई की और बड़ी संख्या में अवैध शराब बनाने की सामग्री जब्त की। जानकारी के विवरण में बताया कि 13 केन अल्कोहल लगभग 400 लीटर स्प्रीट जिसकी अनुमानित कीमत करीब 50 हजार रूपए है, जिससे करीब 200 पेटी शराब तैयार हो सकती थी, जिसकी बाजार कीमत 3 लाख रूपए के करीब है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में ढक्कन, लेबल व खाली बारदान जब्त किए गए है। इसके साथ ही होलोग्राम जो की असली शराब दिखाने के लिए बॉटल पर लगाया जाता है, वह भी जब्त किया गया।
खोजबीन में जुटा आबकारी विभाग-
आबकारी विभाग इस खोजबीन में भी जुट गई है कि आखिर यह होलोग्राम और अन्य सामान कहां से लाया गया और यह नकली है कि असली है। कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी अधिकारी संजेंद्र मोरी, राजेश मंडलोई,आबकारी उपनिरीबक कपिल कुमार सिंह मांगोदिया, आरएस पुरोहित, सुरेंद्र भाभर, जयश्री वर्मा, मुख्य आरबक प्रकाश भाबर, आरक्षक ईश्वर घिगान, कुंवरसिंह डावर, मदन राठउर, विद्या डामोर, सोहनसिंह नायक, ईश्वर पडिय़ार की अहम भूमिका रही। गौरतलब है कि पूर्व में भी बरवेट में इस तरह की अवैध शराब पकडी गई। बताया जाता है कि क्षेत्र में इस तरह के कई अवैध कारखाने चल रहे है, जो कि नकली शराब बनाई जाती है और ग्रामीणों को सप्लाई की जाती है जिससे कई बार लोगों की जान तक बन आती है जिस और प्रशासन को ध्यान देकर ऐसे नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए। नागरिकों का कहना है कि इस प्रकार के अवैध कारखाने जो भी चल रहे है वहां आबकारी और ठेकेदारों की श्रेय पर ही उक्त कार्य होता है जिसके लिए प्रशासन को सख्त कार्रवाई कर इसके पीछे के असली दोषियों को पकडऩा चाहिए।