गड्ढों में रोड ढूंढ रहे वाहन चालक, झकनावदा क्षेत्र के रोड बने परेशानी का सबब

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झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
झाबुआ जिले के आखिरी छोर पर बसा है ग्राम झकनावदा से उज्जैन, इंदौर और बड़वानी, बामनिया रेलवे स्टेशन को जोडऩे वाला सीधा मार्ग है पंरतु सरकारी अधिकारियों के ध्यान नहीं देने की वजह से चारों ओर का रोड पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।
रोड बनाने की दरकार-
झकनावदा से गुजरने वाले चारो प्रमुख मार्र्गो की हालत अंत्यत दयनीय है। ये चार मार्ग जो प्रमुख जो खस्ताहाल हो चुके है जिनमें से झकनावदा बोरिया मार्ग- झकनावदा से पेटलावद रतलाम मार्ग झकनावदा से बोरिया तक 3 किमी का इतना अधिक जर्जर हो चुका है। वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना रहा है, चालकों को गड्ढों में रोड ढूंढकर वाहन चलाना यहां की नियति बन चुका है।
झकनावदा लाबरिया मार्ग-
IMG_20170120_101305_746क्षेत्र को बदनावर और उज्जैन से जोडऩे वाला प्रमुख मार्ग झकनावदा खिन्दाखो-धतुरिया से माही डेम होकर लाबरिया पहुंचने वाला प्रमुख मार्ग खस्ताहाल है। झकनावदा से बदनावर की दूरी 50 किमी है और माही डेम की दूरी 17 किमी है पर रोड पर अब गिट्टी पूरी तरह से बाहर आचुकी है, जिसके चलते बदनावर पहुंचने में करीब दो से ढाई घंटे लगते है। जर्जर रोड के कारण झकनावदा-बदनावर मार्ग पर चलने वाली बसे बंद हो गई, जिससे यात्रियों की फजीहत समझी जा सकती है। वही बस मालिक का कहना है। रोड की वजह से टायर और बस दोनो में नुकसान होता है। उज्जैन जाने वाले भी अब पेटलावद होकर जाने को मजबूर है, जिससे उन्हें 50 किमी अधिक सफर कर अपने मुकाम पर पहुंचना पड़ रहा है।
झकनावदा-बाकिया-टीमाईची मार्ग की दरकार-
झकनावदा को धार इंदौर-राजगढ़ से जोडऩे हेतु मात्र 17 किमी का रास्ता है पंरतु रोड नहीं होने के कारण 30 किमी का सफर कर राजगढ़ जाना मुसाफिरों का शगल बन चुका है। वही झकनावदा-टिमाईची मार्ग को लेकर पूर्व विधायक वर्तमान विधायक से लेकर सांसद, सरदारपुर विधायक भी विभागीय मंत्री को पत्र लिख चुके है, परंतु अधिकारियों की उदासीनता से मार्ग की हालत ढाक के तीन पात ही साबित हो रही है।
झकनावदा उमरकोट रोड-
1प्रधानमंत्री सडक़ योजना मे बनाए गए झकनावदा-उमरकोट रोड को डिजिटल इंडिया में काम कर रही कंपनी ने पूरी तरह एक साइड से खोद दिया, जिससे चार पहिया तो ठीक दोपहिया वाहनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बडा सवाल यह उठता है कि सरकार ने हर गांव को प्रधानमंत्री सडक़ योजना के माध्यम से जोड़ तो दिए और पैचवर्क के नाम पर लाखों दिए भी हैं लेकिन वे कहां जाते हैं रोड में हो चुके गड्ढों को देखकर समझा जा सकता है।
परेशान बोल-
सभी रोड की हालत जर्जर हो चुकी है इन्हें जल्द सुधारा नही गया तो आंदोलन करेंगे।
-शांतिलाल कांसवा, सामाजिक कार्यकर्ता
रोड की हालत काफी खराब है। वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। बड़े-बड़े गड्ढों व गिट्टी से बसों में नुकसान हो रहा है।
नारायण राठौड, बस ड्राइवर-
अब बारी जिम्मेदारों की-
रोड बनाने हेतु टेंडर निकाले है, जल्द रोड के निर्माण चालू हो जाएंगे।
-आरएस तोमर,महाप्रंबधक प्रधानमंत्री सडक़ योजना

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