झाबुआ, एजेंसीः जिले की पेटलावद तहसील में 59 लाख रूपयों के मिड डे मिल घोटाले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि जिला परियोजना अधिकारी मालती राजपूत को कोर बैकिंग के जरिए रिश्वत दी गई। चार महीने पहले सामने आए इस घोटाले में नए सबूत मिलने के बाद पुलिस ने जिला परियोजना अधिकारी के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस लंबे अरसे से इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन पहली बार उसके हाथ मालती राजपूत के खिलाफ ठोस सबूत हाथ लगे है। पुलिस के हाथ ऐसे सबूत लगे है जिससे साफ होता है कि झाबुआ जिले की पेटलावद जनपद के मिड डे मिल योजना प्रभारी जामसिंह सेहलोद ने कोर बैकिंग के जरिए मालती राजपूत के खाते में पैसे ट्रांसफर किए थे। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि पैसों का यह लेन-देन घपलों के कमीशन के रूप में हुआ है।
पेटलावद के थाना प्रभारी शिवजी सिंह ने बताया कि जामसिंह के सामने आने के बाद मालती राजपूत को भी मिड डे मिल घोटाले का आरोपी बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक कई स्वयं सहायता समूहो ने कोर बैकिंग के जरिए कमीशन की राशि दी है लेकिन अभी कोई भी खुलकर सामने नहीं आ रहा है।
झाबुआ जिले के 59 लाख रुपये के इस मिड डे मिल घोटाले मे एफआईआर खुद कलेक्टर के आदेश पर हुई थी जिसमे एफआईआर का आधार यह था कि अधिकारियों ने काल्पनिक गांव और स्कूल बताकर योजना के लाखो रुपये डकार लिए गए।
अब अपने अधिकारी के फंसने के बाद जिला प्रशासन भी बैकफुट पर है। इस मसले पर अब कोई भी अधिकारी अपनी जुबां खोलने के लिए तैयार नहीं है। वहीं कांग्रेस ने इसे पंचायती चुनाव का मुद्दा बना लिया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद कांतिलाल भूरिया अब मिलीभगत का आरोप लगाते हुए इसे जनता के बीच ले जा रहे है।