झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
स्थानीय नगर परिषद् अध्यक्ष चम्पा उर्फ सुनीता वसावा के फर्जी जाति के प्रमाण-पत्र से चुनाव लडऩे का निर्णय प्रदेश अजा, अजजा आयोग ने करते हुऐ उसका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया है परन्तु इस निर्णय के एक सप्ताह से अधिक समय हो जाने के बाद भी सुनीता वसावा को पद से नहीं हटाया जा रहा है और न ही उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जा रही है। अगर तीन दिवस में शासन व जिला प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो कांग्रेस पार्टी संपूर्ण जिले में उग्र आंदोलन करेगी। उक्त घोषणा स्थानीय कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में क्षेत्र के पूर्व विधायक रतनसिंह भाबर, वीरसिंह भूरिया, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नगीन शाह ब्लॉक कांग्रेस व जनपद अध्यक्ष गेंदाल डामर तथा नगर परिषद की पूर्व अध्यक्षा मार्था डामर ने की। कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा की नामांकन प्रस्तुत करते ही इस संबंध में आपत्ति दर्ज करवाकर सुनीता वसावा की जाति को चेलेंज किया था, परन्तु सतारूढ़ भाजपा सरकार के दबाव प्रभाव में उस आपत्ति को अमान्य कर सुनीता वसावा का नामांकन स्वीकृत कर चुनाव लड़वाया गया। कांग्रेस उम्मीदवार मार्था डामर द्वारा इस संबंध में जिला प्रशासन से लेकर निर्वाचन आयोग, जाति-जनजाति आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करने के साथ ही उच्च न्यायालय में भी बाद प्रस्तुत किया गया था।
साढे तीन वर्ष में निर्णय?
जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नगीन शाह ने आरोप लगाया कि सतारूढ भाजपा शासन के दबाव प्रभाव में जानबूझकर प्रकरण लंबित रखा गया तथा नगर परिषद अध्यक्ष को भ्रष्टाचार का अवसर प्रदान करने का समय दिया जाता रहा। सुनीता की जाति फर्जी है वह आदिवासी नहीं है इस बात का निर्णय लेने में साढे तीन वर्ष का समय गुजर गया व अब जब यह निर्णय हो ही गया है कि वह आदिवासी नहीं है आयोग ने उसका जाति प्रमाण पत्र ही निरस्त कर दिया है तो फिर उसे तत्काल बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज करने में आखिर देरी क्यों की जा रही है? राज्य जाति जनजाती आयोग के निर्णय की प्रति कांग्रेस द्वारा कलेक्टर व पुलिस अधिक्षक को दी जाकर सुनीता वसावा को तत्काल वित्तिय अधिकार समाप्त करते हुवे पद से हटाने तथा उस पर व उसके अपराधी प्रवृति के पति के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने के साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध भी कार्रवाई करने की मांग एक सप्ताह पूर्व ही की जा चुकी पंरतु शासन के इशारों पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।
उग्र आंदोलन किया जाएगा
साढे तीन वर्ष कार्यकाल में नगर परिषद में लाखों का भ्रष्ट्राचार किया गया है उसकी जांच मद अनुसार की जाए, सुनीता वसावा को तत्काल पद से हटाया जावे, तथा सुनीता व उसके पति पुनिया के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध भी कार्रवाई की जावे, सुनीता वसावा के परिजन जो फर्जी प्रमाण पत्र पर लाभ प्राप्त कर रहे है उनके भी विरूद्ध कार्रवाई की जाए। अगर तीन दिवस में प्रशासन निर्णय नहीं लेता है तो कांग्रेस पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी व जिले भर में उग्र आंदोलन छेड़ेगी। इस बात की घोषण प्रेसवार्ता में उपस्थित समस्त कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त रूप से की।
प्रेसवार्ता में पत्रकारों के अनेक प्रश्न का उत्तर कांग्रेस नेता नहीं दे पाये। बीते तीन वर्षो में कांगे्रस के पार्षद भी भ्रष्टाचार व पद के दुरूपयोग के आरोपो के घेरे में रहे। नगर परिषद अध्यक्ष के सहयोगी के रूप में भूमिका निभाते रहे, भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे रखने के अलावा कांग्रेस पार्षद के प्रतिपक्ष नेता की भूमिका निभाने वाले पार्षद को भी कलेक्टर द्वारा दोषी मानते हुए पार्षद पद से पृथक करने की कार्यवाही की जा चुकी है परंतु कांग्रेस पार्टी द्वारा उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही तो ठीक नेता प्रतिपक्ष पद पर क्यों बनाये रखा इन बातों पर कांग्रेस नेता पत्रकारों के जवाब नहीं दे पाए। कांग्रेस नेताओं ने यह जरूर स्वीकार किया की जातीगत मुददे पर कांग्रेस नेता एकजुट नहीं थे इसीका नतीजा बाद के चुनावों में देखा गया जहा कांग्रेस को हार का सामना करनाा पड़ा।
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