खेत में मृत अवस्था में पाया गया राष्ट्रीय पक्षी मोर, संभवतः करंट लगने से हुई मौत

विजय मालवी, बड़ी खट्टाली 

राष्ट्रीय पक्षी मोर हर जगह दाना-पानी को लेकर भटकते दिख जाएंगे। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी जंगली जानवर का शिकार या करंट लगने से मोरों की मौत अक्सर होती रहती है। मामला अलीराजपुर जिले के ग्राम पलासदा में मोर की मौत का है, यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी जिले में कई मोरों ने संरक्षण के अभाव में जान गंवाई है।

सोमवार दोपहर ग्राम पलासदा मे एक निजी खेत में बिजली के पोल के समीप एक नर मोर मृत अवस्था मे पाया गया। प्रत्यदर्शियों ने बताया कि बिजली के तार से उक्त मोर की मृत्यु हुई है। घटना की जानकारी प्राप्त होते ही वन विभाग के पंकज मंडलोई घटनास्थल पर पहुंचे एवं मोर की स्थिति का अवलोकन किया। स्थिति देख उन्होंने बताया कि उक्त मोर की मृत्यु संभवत विद्युत करंट लगने से हुई है। लेकिन पूरी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगी। पंकज मंडलोई ने घटना की जानकारी क्षेत्र अधिकारी जोबट को दी गई है। 

आपको बतादे की अलीराजपुर जिले में दर्जनों मोर ने अपनी जान गवा चुके है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इसके सुरक्षा व संरक्षण का दायित्व वन विभाग समेत प्रत्येक नागरिक का है। लेकिन अब तक जिम्मेदारों के द्वारा भी मोरों के संरक्षण के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनी। यही कारण है कि विभिन्न कारणों से राष्ट्रीय पक्षी की मौत होने से दिनों-दिन संख्या कम होती जा रही है। वैसे भी शहर, नगर व कस्बों से राष्ट्रीय पक्षी मोर लुप्त से हो गए हैं। मगर गांवों में अभी राष्ट्रीय पक्षी मोर की सुरीली आवाजें सुनाई देती हैं।

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