सांझा चूल्हा की राशि को भी डकार गए, समूहो को नहीं दी जा रही पर्याप्त राशि

जितेंद्र वाणी, नानपुर
नानपुर सेक्टर में 28 सांझा चूल्हा समूह के संचालको को जो राशि दी गई है वह पर्याप्त नहीं है। समूह संचालकों ने बताया कि प्रत्येक समूह पर 0 से 6 वर्ष के बच्चो को जो पोस्टिक आहार के साथ नास्ता व भोजन भी दिया जाना चाहिए जिसकी राशि सरकारी आंकड़े अनुसार प्रति बच्चे के नास्ते के तीन रुपये व भोजन के 5 रुपये निर्धारित किये गए है लेकिन इतनी राशि नहीं मिल पा रही कि बच्चे को खाना और नाश्ता दे सके।
इसी राशि में समूह संचलको को ईंधन तेल मसाला दाल सब्जी बर्तन मकान किराया भी शामिल है। जिसमे भोजन बनाने वाली कार्यकर्ता को मात्र 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते है यानी 19 रुपये प्रतिदिन। वह भी वर्षो बाद भी नही आते। समूह संचालको का आरोप है कि जिले के अधिकारी अपने अपने चहेतों को 50-50 का हिसेदार बनके राशियों का खेल खेल रहे है। अधिकारियों छोटे से साँझा चूल्हे के समूह के बच्चो का हक डकार रहे इन अधिकारियों को क्या कलेक्टर का डर नही है। कलेक्टर साहब को शायद इनके गुर्गे बिचोलिये पहुचने नही देते होंगे
वही ॐ साई राम सहायत समूह ने बताया कि उनको पिछले जनवरी व फरवरी माह के 250 रुपये डाले गये। अब हमने कर्जा लेकर भोजन व नास्ता करवाया 250 रुपये में नमक के पैसे भी नही आये। वही हेमा सांझा चूल्हा समूह ने बताया कि हमे भी 250 रुपये कल फरवरी माह की राशि आई है। वही किरण सहायता समूह की संचालिका ने बताया कि हर माह राशि आना चाइये जब कि जनवरी व फरवरी माह की राशि अब 7 माह के आस पास आ रही वह भी उठ के मुंह मे जीरा के बरोबर हम सभी समूह वाले महिला बाल विभाग के अधिकारियों को 2 सो या तीन सौ रुपये देते है वह इतनि राशि मे नास्ता व भोजन करा के बताए जिससे सभी समूह में आक्रोश है 4 तारीख के बाद कलेक्टर को पूरी जानकारी दी जायेगी या तो हड़ताल कर जिमेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिम्मेदारों ने नहीं दिया ठीक से जवाब
जिला अधिकारी कृष्ण पाल सिंह जादव से इस विषय पर चर्चा की तो बताया हमे जैसे पत्रक आते है उस हिसाब से राशि डाली जाती है। वे सही जवाब नही देते नजर आए जिससे प्रतीत होता है कि जरूर महिला बाल विभाग में बड़ा घपला होते हुए दिखाई देता है।
मामला जब महिला बाल विकास विभाग की प्रभारी अधिकारी प्रियांसि भवर के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा सभी समूह की पासबुक के साथ अध्यक्ष को आफिस भेज दीजिये ताकि उसे चेक किया जा सके

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