रोजाना करीब 200 मरीज आते हैं अस्पताल, लेकिन उपचार का जिम्मा सिर्फ एक डॉक्टर पर, दो नर्स भी छुट्‌टी पर गई

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विजय मालवी, बड़ी खट्‌टाली

क्षेत्र के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशानी उठा रहे हैं। स्टाफ की कमी के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं आलीराजपुर जिले की ग्राम पंचायत बड़ी खट्टाली में 1 करोड़ 32 लाख की लागत से बनाए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की। इस भवन में अस्पताल शुरू हुए एक साल होने को आया लेकिन सुविधाओं के नाम पर अब भी यह बाट जोह रहा है। यहां पर चिकित्सक के 3 पद स्वीकृत है जबकि वर्तमान में एक चिकित्सक डॉ. केएल गेहलोत कार्यरत है। कि पीएससी के पोर्टल पर तीन चिकित्सक इस अस्पताल में कार्यरत बताए जा रहे हैं। जबकि वास्तव में सिर्फ ही एक चिकित्सक व्यवस्था संभाल रहे है। 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 200 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। जबकि 20 से 25 मरीज को भर्ती कर उपचार दिया जाता है। यहां पर यहां नर्स के 5 पद स्वीकृत है। इसमें से भी एक नर्स छुट्‌टी पर दूसरी डिलीवरी के कारण लंबे समय से अवकाश पर है। वर्तमान में एक ही नर्स पर व्यवस्थाओं का जिम्मा है। स्वास्थ्य केंद्र पर ड्रेसर का पद 10 वर्ष से खाली पड़ा हुआ है। वार्ड बाय और स्वीपर का पद भी रिक्त है। इन सबके बावजूद स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है। मामले में जब डॉ. केएल गेहलोत ने बताया हमसे जितनी स्वास्थ्य सुविधाएं संभव है वह मरीज को दे रहे हैं। अस्पताल में पर्याप्त दवाई उपलब्ध है। ग्राम पंचायत के सरपंच चेनसिंह डावर ने बताया यदि 7 दिन में अस्पताल में रिक्त पदों की पूर्ति एवं चिकित्सक के पदों की पूर्ति नहीं हुई तो ग्राम बंद  का आह्वान किया जाएगा। गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को हुई ग्रामसभा में भी पंचायत प्रतिनिधियों ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर असंतोष जताया था। गौरतलब है कि भवन का उद्घाटन नवंबर 2022 में जिले के प्रभारी मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने किया था। 

बरसाती से ढंकना पड़ा है डॉक्टर का क्वार्टर

बड़ी खट्‌टाली में डॉक्टर के निवास के लिए बनाया गया भवन भी वर्षों पुराना हो चुका है। इसकी स्थिति भी अब जर्जर होने लगी है। आलम यह है कि क्वार्टर में बारिश का पानी टपकता हे। छत के ऊपर प्लास्टिक ढंके हुए हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से से मांग की है कि तत्काल अस्पताल में व्याप्त कमियों को अति शीघ्र दूर की जाए। यदि रात्रि में कोई डिलीवरी का प्रकरण आता है तो बहुत परेशानियां होती है। मरीज को सीधे जोबट या आलीराजपुर ले जाना पड़ता है।

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