कस्बे में अनजान लोगों की भरमार, किराये से रह रहे किरायेदारों की जानकारी प्रशासन को नहीं 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ (अलीराजपुर) 

आम्बुआ कस्बे के आसपास के क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य तथा बाहरी क्षेत्रों से आकर यहां व्यवसाय कर रहे लोगों को मकान मालिकों ने मकान किराए से जरूर दे दिए मगर ऐसे अनजान लोगों की जानकारी पुलिस विभाग को नहीं दी जा रही है जिस कारण भविष्य में यदि कोई घटना इनमें से किसी के द्वारा कर देने के बाद यदि वह भाग गए तो कहां ढूंढा जाएगा कुछ वर्षों पूर्व सोंडवा क्षेत्र में जघन्य अपराध कर भागे अपराधी का पता आज तक नहीं चल सका है।

शासन प्रशासन का नियम है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति एक या एक से अधिक आते हैं तथा किसी शहर कस्बे गांव में निवास करते हैं तो उन्हें स्वयं या जिनके मकान में किराए से रहते हैं वह इसकी संपूर्ण जानकारी संबंधित क्षेत्र के थाने पर देते हैं ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उनके बारे में जानकारी मिल सके कि वह कहां से आए हैं कोई शातिर अपराधी तो नहीं है तड़ीपार या अन्य जघन्य अपराध करके तो नहीं आए हैं अथवा वे यहां रह कर कोई संदिग्ध क्रियाकलाप तो नहीं कर रहे हैं आदि अनेक जानकारियां प्रशासन के पास रहती है जिस कारण अपराधिक क्रियाकलाप में संलग्न व्यक्तियों की निगरानी रह सके। अपराध आदि कर भाग जाने वालों की धरपकड़ हो सके मकान मालिकों द्वारा ऐसी जानकारियां प्रशासन को देने का प्रावधान है मगर देखा गया है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण मकान मालिक उदासीनता दिखा रहे हैं विगत कुछ वर्षों पूर्व एक शिक्षक (निजी तौर पर) का कार्य करने वाले शख्स ने सोंडवा में एक अवयस्क बालिका की निर्भय हत्या जैसा जघन्य अपराध कर फरार हुआ तो आज तक पता नहीं लग सका  जिस कारण परिवार को न्याय भी नहीं मिल सका है ऐसी वारदातें कभी भी हो सकती है इसलिए किरायेदारों की जानकारी प्रशासन को देना जरूरी माना जाता है प्रशासन की शख्ती नहीं होने के कारण जानकारी एकत्र नहीं की जा रही है शायद प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।

इनका कहना है

हमने कुछ लोगों को सूचना भेजी है अब हम कस्बे में अति शीघ्र मुनादी (एनाउंस) कराने जा रहे हैं इसके बाद भी जानकारी नहीं दी जाती है तो मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दिलीप सिंह चंदेल, थाना प्रभारी आम्बुआ

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