पर्युषण पर्व समापन के साथ संवेदना के 10 उपवास की तपस्या पूर्ण

जयकार यात्रा निकाली, संघ ने किया बहुमान

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रितेश गुप्ता, थांदला

जैन धर्म में पर्युषण महापर्व का आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। इन दिनों जैन धर्म आराधक धर्माराधना के माध्यम से आत्मा से सम्बंध स्थापित करते हुए अपने आपको मोक्ष के शाश्वत सुख की ओर अग्रसर करने का प्रयास करते है। श्वेतांबर जैन संघ के पर्युषण की पूर्णाहुति के साथ ही दिगम्बर परम्परा में 10 दिन के पर्यूषण पर्व प्रारंभ हो जाते है जिन्हें दस लक्षण महापर्व भी कहा जाता है। पर्व के दौरान धर्म आराधकों द्वारा 10 दिनों तक 10 धर्म की पूजा अर्चना की जाती है, वही दिगंबर जैन मंदिर में नित्य प्रातः 6 से 11 बजे तक पूजन के साथ भगवान का अभिषेक किया जाता है तो नित्य 10 लक्षण मंडल विधान एवं सायंकाल प्रतिक्रमण के बाद प्रवचन इंदौर से पधारी नीतू दीदी व किरण दीदी द्वारा दिए गए।

इस दौरान नित्य धार्मिक आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोगों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। सकल प्राणिमात्र के साथ क्षमा याचना कर पर्युषण पर्व का समापन हुआ।

तपस्वी बहना संवेदना की जयकार यात्रा

तप प्रधान जैन धर्म में पर्युषण महापर्व पर अनेक आराधक तपस्या के माध्यम से अपनी आत्मा को तपस्या से निर्मल बनाते है इसी कड़ी में जहाँ थांदला के इन्द्रवर्धन मेहता 32 उपवास, राजेन्द्र मेहता ने 10 उपवास की तपस्या थांदला गौरव पुण्य पुंज पुण्यसागरजी महाराज एवं तपस्वी महोत्सवसागरजी महाराज के सानिध्य में रहकर की वही थांदला की बहू संवेदना अभिषेक मेहता ने पर्युषण प्रारंभ से ही तप धारण कर 10 दिनों तक निराहार रहकर 10 उपवास की कठिन तपस्या पूर्ण की। उनकी तपस्या पर थांदला में बड़े प्रतिक्रमण के बाद सायं 4 बजे जयकार यात्रा का आयोजन किया । जिसमे तपस्वी के लिए बग्घी , व गाजे बाजे के साथ सकल संघ ने उत्साह पूर्वक भाग लिया, साथ ही उनके दीर्घ तपस्या पर समजजनों श्रीसंघ , जैन सोशल ग्रुप , मित्रगणों, आल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा उनका बहुमान किया गया।

संवेदना का पारणा महोत्सव में शामिल हुए परिवार संघ

संवेदना के तप महोत्सव के बाद उनका पारणा महोत्सव स्थानीय त्यागी भवन पर मनाया गया। जिसमें उनके परिजनों के अलावा उनके इष्ट मित्र व संघजनों ने शामिल होकर उन्हें पारणा करवाया व उनकी यशस्वी तपमय जीवन की मंगल कामना की एवम पुण्यर्जन कर जिनशासन की अभिवृद्धि के लिए उन्हें व उनके परिजनों को तप सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संवेदना के तप अनुमोदनार्थ प्रकाश मेहता द्वारा साधर्मी वात्सल्य का आयोजन किया गया जिसमें संघ व परिजनों ने गौतम प्रसादी ग्रहण की।

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