जैन भगवती दीक्षा में चार मुमुक्षुओं की दीक्षा के साक्षी बने हजारों

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी के मुखारविन्द से धर्मनगरी थांदला में अणु पब्लिक स्कूल के विशाल परिसर में चार मुमुक्षु आत्माएं जैन भगवती दीक्षा अंगीकार कर सयंम पथ पर आरुढ़ हुई। इस ऐतिहासिक महोत्सव के साक्षी बनने के लिए नगर सहित दूरदराज के विभिन्न प्रांतो की हजारों की संख्या में जनमेदिनी उपस्थित थी। इसके पूर्व मुमुक्षु प्रशस्त सुनील रुनवाल, प्रेमलता बहन बाबुलाल छाजेड़ (दोनो थांदला)संतोष बहन मांगीलाल धोका-हंसा बहन राजेन्द्र भंडारी (दोनो संजेली) की महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकली। यात्रा के दौरान समूचा नगर धर्ममय एवं श्रमण भगवान महावीर स्वामी, आचार्य श्री उमेशमुनिजी, प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी एवं दीक्षार्थी के जय-जयकारों से सराबोर हो गया। यात्रा मे शामिल हजारों श्रावक-श्राविकाओं का अन्तहृदय प्रस्फुटित हो गया। नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई महाभिनिष्क्रमण यात्रा दीक्षा स्थल अणु पब्लिक स्थल पहुंची। यहां दीक्षा समारोह का प्रारंभ प्रवर्तकश्रीजी के मुखारबिंद से नवकार महामंत्र से और जिन चरणों में मन रमने दो भजन से हुआ। वेश परिवर्तन के पूर्व चारों मुमुक्षुओं ने अपने सांसारिक जीवन का अंतिम उद्बोधन दिया।
समस्त जनमंदिनी को जय जिनेन्द्र किया व क्षमायाचना की। और प्रर्वतकश्रीजी के मुखारविन्द से मांगलिक श्रवण कर वेष परिवर्तन हेतु गए। सुबह 10.40 बजे पर जैसे ही चारों मुमुक्षु वेश परिवर्तन करके दीक्षा स्थल पर पहुंचे वैसे ही पूरा पांडाल जयकारों से गूंज उठा व उपस्थित जन दीक्षार्थियों को संत वेश में देख कर भाव विभोर हो गये। प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी ने दीक्षा विधि प्रारंभ करने के पूर्व धर्मदासगण परिषद के अध्यक्ष ज्ञानचन्द्र बुपक्या, थांदला श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत व चारों मुमुक्षुओं के परिजनों से आज्ञा ली। प्रवर्तकश्रीजी ने चारों को करेमी भन्ते का पाठ पढ़ाया। परिजनों ने प्रवर्तकश्रीजी केा रजोहरण व पात्र वेहराए। प्रवर्तकश्रीजी रजोहरण व पात्र भेंट करते हुए कहा कि यह यतना का साधन है रज को हरण करने वाला है यतना का यह उत्तम साधन है। इसकी आन, बान, शान को जीवन भर बनाए रखना है। पात्र सभी जीव का आधार रहता है। इसकों बराबर संभाल के रखना इसकी सुरक्षा करना। दीक्षा का पाठ पढ़ाने के बाद प्रवर्तकश्रीजी ने कहा कि जिनशासन में आप चारों का उत्तम प्रवेश हुआ है। हम आपका स्वागत करते है। नए नाम प्रदान किए। प्रवर्तकश्रीजी ने चारों नवदीक्षित साधु-साध्वीजी को नए नाम प्रदान किए। प्रशस्त रुनवाल को प्रशस्तमुनि मसा, प्रेमलता बहन छाजेड़ को प्रतिज्ञाश्रीजी मसा, हंसा बहन भंडारी को हंसाजी मला और संतोष बहन धोका को समताजी मसा नाम रखा गया।
शिष्यत्व घोषित
प्रवर्तकश्रीजी ने प्रशस्तमुनिजी मसा को तत्वज्ञ धर्मेन्द्रमुनिजी का शिष्यत्व और साध्वी समताजी मसा को साध्वी मधुबालाजी, प्रतिज्ञाश्रीजी मसा और हंसाजी मसा को साध्वी पुण्यशीलाजी की षिष्या घोषित किया। समारोह को प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी, अणुवत्स संयतमुनिजी तत्वज्ञ धर्मेन्द्रमुनिजी, संदीपमुनिजी ने संबोधित किया। साध्वी किरणबालाजी, नेहप्रभाजी, अनंतगुणाजी, हितज्ञाजी, प्रज्ञाजी आदि साध्वी मण्डल ने स्तवन प्रस्तुत किया। श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत ने पधारे हुए समस्त अतिथियों का अभिनंदन किया व दान दाताओ का आभार माना। दीक्षा महोत्सव में प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी, संयतमुनिजी, धर्मेन्द्रमुनिजी आदि ठाणा-10 और साध्वी मधुबालाजी, धैर्यप्रभाजी, मुक्तिप्रभाजी, प्रेमलताजी, पुण्यशीलाजी आदि ठाणा-27 व साध्वी संयमप्रभाजी, प्रज्ञाजी, सुज्ञाजी आदि ठाणा-7 कुल 44 साधु-साध्वीजी का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ। समारोह में मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश आदि कई प्रांतो के हजारों श्रद्धालुओ के अलावा धर्मदासगण परिषद के अध्यक्ष ज्ञानचंद बुपक्या, अभा श्रीधर्मदास स्थानवासी जैन युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र गादिया, अभा श्री चन्दना श्राविका संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष दिव्या डोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद कांतिलाल भूरिया, विधायक कलसिंह भाबर, नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर, भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की प्रदेश मंत्री संगीता सोनी, प्रख्यात समाजसेवी सुरेशचन्द्र जैन, वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट, सुरेन्द्र कांकरिया, पूर्व जियोस विश्वास सोनी, जिला वरिष्ठ कांग्रेस नेता नगीन शाह, रमेश मेहता, पार्षद गजेन्द्र चौहान, लक्ष्मण राठौड़, समर्थ उपाध्याय,पीटर बबेरिया एवं महेश नागर, गुरुप्रसाद अरोड़ा, राजेश डामोर, गेन्दालाल डामोर, लक्ष्मण राठोड़, अनोखीलाल मेहता आदि उपस्थित थे। संचालन हंसकुमार गोलचा नागपुर किया। स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन हुआ जिसका लाभ वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ थांदला ने लिया।
बड़ी दीक्षा 25 जनवरी को
नवदीक्षित श्री प्रशस्तमुनिजी, साध्वी समताजी, साध्वी प्रतिज्ञाश्रीजी, हंसाजी की बड़ी दीक्षा 25 जनवरी को बामनिया नगर में होगी। इस आशय की घोषण प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी ने की।
नगर अघोषित बंद-वाहनों का लगा मेला-
नगर में हो रही एतिहासिक दीक्षा के साक्षी बनने हेतु नगर में दीक्षा समय के दौरान लगभग सभी समाजों के प्रतिष्ठान बंद रहे। सर्वसमाज द्वार दीक्षा समय में बंद रख कर इस भव्य दीक्षा महोत्सव के सहभागी होकर धर्मलाभ लिया। दीक्षा स्थल के समीप दशहरा मैदान पर पार्किंग में लगी हजारों की सख्ंया में वाहनों की कतार ऐसी लग रही थी मानों वाहन मेला लगा हो। दोपहिया व चारपहिया वाहनों की तादाद हजारों में रही।

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