थांदला। सन्तों की भूमि थांदला से एक बार फिर जैन धर्म की प्रभावना में अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने मुमुक्षु आत्मा आग्रसर हुई है।
जानकारी देते हुए दिगम्बर संघ दीक्षार्थी माता के पुत्र प्रदीप जैन ने बताया कि कुंडलपुर में विराजमान 108 आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के पावन सानिध्य में अनेक आत्माओं ने 10वीं व 11वीं प्रतिमा धारण कर गृहत्याग किया है। इसी कड़ी में थांदला में निवासरत झांसी परिवार की श् श्रीमती कुसुम देवी जैन ने भी आचार्य श्री के मुखारविंद से 10वीं प्रतिमा धारण कर आजीवन गृहत्याग कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कुसुमदेवी विगत 20 वर्षों से घर पर भी एकांतवास में रहकर धर्म आराधना कर रही थी। वे व उनके पति स्व. प्रकाशचंद्र जैन दोनों ही जैन धर्मानुसार अपने जीवन को मर्यादित करते हुए अलग चौका लगाते हुए शुद्धाहार ग्रहण कर धर्म आराधना कर रहे थे। कुसुम देवी के प्रदीप, अनिल व अरुण तीन पुत्र है, अक्षय, अम्बर, प्रिंसी, रिंसि की दादीजी के द्वारा 10वीं प्रतिमा धारण के समाचार सुनकर नगरजन हर्षित होकर उनके आत्म लक्ष्य सिद्धि की कामना कर रहे है। अबसे कुसुम देवी कुण्डलपुर में अन्य प्रतिमा धारी गुरु बहनों के साथ रहेगी वही आने वालें समय में वे आचार्य श्री द्वारा नियत किये सागर आश्रम में अपना पूरा जीवन धर्म आराधना करते हुए बिताएगी।
