सफाई कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन जारी, नगर परिषद ने 15 अस्थायी कर्मचारियों को निकाला, नगर में चारों तरफ लगा कचरों का ढेर

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रितेश गुप्ता, थांदला 

नगर परिषद थांदला में इन दिनों कुछ भी ठीक नही चल रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रही नगर परिषद फंड की कमी के चलते कर्मचारियों का वेतन तक नही दे पा रही है। विगत एक सप्ताह पूर्व नगर परिषद के दलित सफाई कर्मचारियों ने काम के बदले समय पर वेतन की जायज मांग की तो उन्हें बदलें में काम से निकालने की धमकी मिली। यही नही कर्मचारियों ने जब इसके खिलाफ भी आवाज उठानी चाही तो उन्हें दबाने का भरसक प्रयास किया गया। इन सभी से खफा नगर परिषद के कर्मचारियों ने एक आवेदन नगर परिषद को सौंपते हुए अपनी मांगों को शासन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष रखा लेकिन आज एक सप्ताह बाद भी उनकी समस्याओं का उचित समाधान नही हो पाया है। उन्होंने आवेदन के आधार पर स्पष्ट कहा था कि यदि मांग पूरी नही हुईं तो वे अनिश्चतकालीन हड़ताल पर उतर जाएंगे। नगर परिषद की हठधर्मिता के कारण 18 फरवरी मंगलवार से सभी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गये। आज दो दिन हो जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार उनसे मिलने नही पहुंचा है। नगर में चारों तरफ गन्दगी व कचरों का ढेर लग गया है। जानकारी देते हुए सभी सफाई कर्मचारियों ने बताया कि डीडीओ के आदेश का हवाला देकर सफाई कर्मचारियों में मनोजए लखनए महेश भरतए दीपक बाबूलालए अजय भरत, रतन,धर्मेंद्र, मंगल विनोद, अजय स्वराज, अंगूर बाला, पिंकी महेश, रीना जीवन आदि 15 अस्थायी कर्मचारियों को भी बिना पूर्व सूचना के काम से निकाल दिया । नगर परिषद के इस बर्ताव से खफा सफाई कर्मचारियों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया हैए इसलिये उन्होंने पुलिस विभाग में आवेदन देकर शांतिप्रिय धरना देते हुए मांगे पूरी नही होने तक आंदोलन की बात कही थी। नगरपरिषद के सफाई कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारी इन सब के लिए जिम्मेदार प्रभारी सीएमओ अशोकसिंह चौहान को यहा से तत्काल हटाने की मांग कर रहे है। गौरतलब है कि जब से प्रभारी सीएमओ बन कर अशोक चौहान बैठे है तब से लेकर आज तक कर्मचारी परेशान हो रहे है। कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नही करना अकारण उन्हें डांटना फटकारना व नोकरी से निकालना उनकी तानाशाही दर्शा रहा है । पूर्व में भी सीएमओ के नगरपरिषद में कई कारनामे भरे पड़े है यहां तक कि लोकायुक्त में प्रकरण तक चल रहे है। परंतु कांग्रेस सरकार में व पैसों के दम पर लगातार विवादों में रहने के बाद भी सीएमओ का प्रभार लेकर काम कर रहे है। 2 दिन से सफाई कर्मचारियों ने नगर परिषद के बहार मुख्य सड़क पर ही धरना दिया हुआ है लेकिन फिर भी जिम्मेदार प्रशासन की नींद नही उड़ रही है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे नगर परिषद का कामकाज ठप्प हो गया हैए वही नगर में दूसरे दिन भी सफाई नहीं होने से सड़कों पर गन्दगी व कचरे के ढेर लग गए है। डोर.टू.डोर कचरा वाहन द्वारा कचरा नही ले जाने पर यह परेशानी और भी बढ़ गई है। नगर परिषद में करीब 55 सफाई कर्मचारी है जिनके हड़ताल पर चले जाने से नगर में वायरस जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
नगर परिषद अध्यक्ष सीएमओ मिले कर्मचारियों से
नगर के हालातों से जनता के प्रभावित होने से नगर परिषद अध्यक्ष बन्टी डामोर ने मामले को समझते हुए सीएमओ को लेकर कर्मचारियों से मिलने पहुँचे। लेकिन कर्मचारी लिखित आश्वासन व मांग पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहे। नगर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि यदि उनकी जायज मांग पूरी नही होती है तो वे स्वयं भी उनके साथ हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इस दौरान राजेश जैनए कादर शेखए कमालुद्दीन शेख आदि नगर परिषद कर्मचारी उपस्थित थे।

जब से सीएमओ अशोक चौहान ने अपना पद संभाल है तब से हमें कभी हमारी सेलरी टाईम पर नहीं मिली है। वेतन मांगने पर निकालने की धमकी मिलती थी और उन्होंने हमारे 15 कर्मचारियों को निकाल भी दिया है।जिस कारण हमे सेठ . साहूकारों से पैसा उधार लाकर अपने घर का खर्च चलना पड़ रहा है हम पर कर्जा चढ़ गया है। वही कभी समय पर सफाई उपकरण व सामान दिया जाता है साबुन झाड़ू भी नही मिलती है टूटी हुई झाड़ू से सफाई करने में दिक्कत आती है फिर भी हम ईमानदारी से अपना काम कर रहे है। सुनीता चैनाल, अध्यक्ष कर्मचारी संघ थांदला

जिम्मेदार बोल
नगर परिषद बे वजह जिद पर अड़े हुए है। समय पर वेतन दिया जा रहा है। इस बार चूंगी कर कटौती के कारण फंड नही होने से दो माह का वेतन बकाया है उसमें से भी एक माह का जमा करा दिया है। रही बात कर्मचारियों के काम से हटाने की तो अस्थायी कर्मचारियों को काम नही होने से व पैसों के आभाव में हटाया गया है। समय व जरूरत के हिसाब से वापस लगाया जाएगा। वही सभी को शासन की सभी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। अशोक चौहान, प्रभारी सीएमओ नगर परिषद थांदला

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