थांदला। जैन धर्म प्रवर्तक 24 तीर्थंकर भगवान में से 20 तीर्थंकर व अनन्त आत्माओं के मोक्ष जाने वाली तपो भूमि शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी (मधुवन) को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने की अधिसूचना जारी होने एवं प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की मोक्ष भूमि श्री पालीतानाजी तीर्थ पर रोहित शाला में पगलियाजी खंडित किये जाने के समाचार से अहिंसा प्रधान जैन धर्म के साधु संत सहित उनके अनुयायी काफी आहत हुए है। ऐसे में पूरे भारत में सोरेन सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर प्रखर हुए है।
