मुआवजा वितरण में विसंगतियों से पनपा ग्रामीणों में आक्रोश, ग्रामीणों का बिना मुआवजा भुगतान किए कार्य प्रारंभ का आरोप

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रितेश गुप्ता थांदला
अंचल से निकल रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर ग्रामीणों म भारी आक्रोश देखा जा रहा है। सोमवार को बडी संख्या में ग्राम कलदेला, वडलीपाडा, भामल समेत विभिन्न गावों से ग्रामीणजन स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में पहुंचे किन्तु अनुविभागीय अधिकारी मुख्यालय पर नही होने से ग्रमीणों दिन भर इंतजार करते रहे व बिना मिले ही चले गए। ग्रामीणों में शासन की मुआवजा वितरण की विसंगती पूर्ण नीति को लेकर भी भारी आक्रोश देखा गया।ग्रामीणों का आरोप है कि सडक निर्माण कम्पनी के व्दारा मौके पर निर्माण कार्य करना प्रारम्भ कर दिया गया है हमारें घरों को हटा रहे है वही हमें अभी तक मुआवजा वितरण नहीं हुआ और ना ही हमें हमारी पीढी दर पीढी से चली आ रही कब्जे की शासकीय भूमि में स्थित हमारे फलदार पेड़, कुओं का मुआवजा दिया जा रहा है केवल मकान का मुआवजा देकर बेदखल किया जा रहा है कईयों को तो मकान के मुआवजा का वितरण भी अभी तक नही किया गया है, जिससे हमारे सामने रोजी रोटी का संकट है ।
विवाद का कारण
अंचल में वर्षो से आदिवासी शासकीय भूमि पर पीढी दर पीढी काबिज चले आ रहे है कई परिवार के पास तो शासकीस कब्जे की भूमि के अतिरिक्त दूसरी भूमि भी नही है उसी भूमि पर ग्रामीणों द्वारा से लेकर फलदार वृक्ष तक लगाकर अपनी आजीविका चलाते आ रहे है लेकिन मुआवजा वितरण में केवल शासकीय भूमि पर बने मकानों का ही मुआवजा देना प्रावधान है जबकी ग्रामीणों की कब्जे की जमीन बीना मुआवजा जाने से भारी उनकी आजीविका का संकट पैदा हो रहा है ।

1. ग्राम रन्नी से अपनी पोती के साथ आई बुजुर्ग सुगनाबाई बैवा नाथु डामौर ने प्रतिनिधि को बताया की मेरे मकान व खेत की पाईप लाईन उखाड दी गई कभी भी निर्माण कम्पनी हमारे घर को तोड देगी मुझे अभी तक मुआवजा वितरण नही हूआ है । मकान के साथ जमीन भी जा रही है इसके अलावा हमारे पास में कोई जमीन नही है सडक बनने से हम घर से बेदखल हो जावेंगे । घर में मैं मेरी बहु और पोती ही है ।
2. ग्राम वडलीपाडा के रामचन्द्र मोहनलाल कटारा ने बताया की ग्राम वडलीपाडा के 40-50 किसान जो की अपने बापौती कब्जे की शासकीय भूमि पर वर्षो से काबिज होकर खेती करते चले आ रहे है शासकीय भूमि का दण्ड शासन को जमा करते आ रहे उसी जमीन में उनके मकान है कॅूंए है पेड है जिनसे हमारी आजीविका चलती है । शासन केवल मकान का मुआवजा देने का निर्धारण किया गया है जबकी जमीन भले ही शासकीय है हमारा पैतृक कब्जा है शासन ने हमारे पूर्वजों को केवल मकान के पटटे देकर हमारे साथ में धोखा किया है इस जमीन के अलावा हमारे पास और कूछ भी नही है । अगर मुआवजा वितरण की उचित नीति का निर्धारण नही किया जाता है तो हम जमीन किसी किमत पर नही छोडेंगे ।
3. ग्राम कलदेला से भी रामा मंगलिया खराडी ने कहाॅ पूर्व में हमारी भूमि को असिंचित बताई गई थी मुआवजा राशि अठारह हजार रूपये आरा निर्धारित किया गया था और सूची जारी की गई अब नवीन सूची जारी करतंे हूए कहाॅं गया की है कि जमीन को सिंिचत ही है पर मुआवजा राशि नौ हजार रूपये प्रति आरा निर्धारित की गई है । रामा के साथ हुकिया किका भाभर, पप्पु कचरू कटारा, केगु थावरिया खराडी, मुकेश रामु कटारा, चतरू सरदार कटारा,शान्तु भीला खराडी, जेमाल भीला खराडी, रामचंद भील खराडी,प्रकाश खीमजी खराडी, सलिया शम्भु खराडी ,कालु शम्भु खराडी, उदेसिंग शम्भु खराडी, रसिया शम्भु खराडी,मकला मंगलिया खराडी, गलाल मंगलिया खराडी, रूमाल सरदार कटारा,नरसिंग सरदार कटारा, कैलाश रालु कटारा, रूमाल भीला खराडी ने मुआवजा वितरण को दोष पूर्ण बताते हूए रोष प्रकट किया ।
4. मोहन कालु कटारा भामल वडलीपाडा फलिया ने मैं अपने बापौती जमाने से सर्वे 1530 की जमीन पर निवासरत काबिज हॅूं शासन ने आवासीय पटटा दिया लेकिन दण्ड भरता हॅूं  इसी जमीन में मेने रात दिन मेहनत करके कूूआ निकाला है आस पास बेर के पेड लगाये है जिनसे बीस हजार रूप्ये साल भर में कमाता हॅूं और मुझे केवल मकान का मुआवजा देकर बेदखल किया जा रहा है जमीन हमारी हे हम वर्षो से करते चले आ रहे शासन जमीन के बदले जमीन दे या उचित मुआवजा निर्धारित करें अन्यथा मर जाएगें लेकिन जमीन नही छोडेंगे ।
इस सबंध में निर्माण ऐजेन्सी जीआर इन्फ्रा के सीनीयर इंजीनर आदित्य चैधरी से पूछने पर बताया है शासन निर्देश अनुसार मुआवजा वितरण किया जा रहा है हम सतत ग्रामवासीयों से सम्पर्क में है मुआवजा वितरण निरंतर चल रहा । कूछ गाॅंव में लिस्ट बनाते समय मुआवजा राशि त्रूटी पूर्ण दर्ज हो गई थी शासकीय भूमि में स्थित केवल मकान का मुआवजा ही शासन व्दारा निर्धारित किया गया है । गाॅंव में भ्रांतिया फैलाई जा रही है ।
जे एस बघेल एसडीएम थांदला का कहना है कि शासन के रिकॉर्ड अनुसार जिन जमीनों के पट्टे हैं उन्हें मौजे दिया जा रहा है इन लोगों के भी पट्टों पर जो मकान बने हैं उनका मऊ जाने दिया जा रहा है परंतु सरकारी जमीन पर कब्जे की जमीन पर मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है

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