मीसाबंदी महंत नागादेव नारायणदासजी की 26वीं पुण्यतिथि धूमधाम से संपन्न, हजारों भक्तों ने लिया धर्मलाभ
रितेश गुप्ता, थांदला
हनुमान अष्ट मन्दिर बावडी के महंत 1008 श्री नागादेव नारायणदासजी मीसाबंदी की 26वीं पुण्यतिथि मंगलवार को धूमधाम से सम्पन्न हुई। कार्यक्रम में अचंल सहित दूर-दराज से बडी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन शामिल हुए। इस अवसर पर सिद्धपीठ हनुमंत आश्रम पिपलखुंटा के महंत दयारामदास महाराज, मां बगुलामुखी शक्तिपीठ नलखेडा के महंत स्वामी सादिपेन्द्र महराज, व्दारिकाधीश गौशाला तलवाडा के संतश्री रघुवीरदास महाराज, रामसेवकदास महाराज पंचमुखी हनुमान मन्दिर रामपुरिया, देवादास महाराज दुलाखेली पेटलावद, बालकदास महाराज शंकर मन्दिर गडुली, रामरूपदास महराज खच्चरटोढी, स्वामी सुरेन्द्र भारती दाहोद, मठ मंगलेश्वर महादेव मन्दिर कुशलगढ राजस्थान के स्वामी दिवाकर भारती व्दारा मन्दिर के महंत गोपालदास के सानिध्य में पादुका पूजन एंव महाआरती की गई।
संत सम्मान एंव सन्यासी नामकरण संपन्न
महाआरती पश्चात संत सम्मान न्यास मण्डल के अध्यक्ष अशोक अरोरा, न्यासी सज्जनसिंह चौहान, विट्ठल प्रसाद शर्मा, गणराज आचार्य, तुलसीराम मेहते, सुरेश शुक्ला व्दारा किया गया। इसके बाद सन्यासी नामकरण संस्कार सम्पन्न हुआ, जिसमें विद्या प्रतिष्ठान अन्र्तगत प्रदेश के विभिन्न अंचलों में तीन दशकों तक सेवारत रहकर सेवानिवृत हुए प्राचार्य इश्वरदयाल बिरथरिया ने गृहस्थ जीवन का त्याग करते हुए धर्म एवं समाज सेवा करने के लिए स्थानीय भक्त मलूकदास की बावडी हनुमान अष्ट मन्दिर के महंत श्री गोपालदास महाराज से गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरू दीक्षा प्राप्त कर सन्यास आश्रम में प्रवेश लिया। श्री बिरथरिया का सन्यासी नामकरण संत समागम के अवसर पर क्षैत्र के संत मंहतों की उपस्थिति में वैदिक विधि से भूदेवों के आचार्यत्व में संपन्न हुआ सन्यास जीवन का नामकरण संस्कार करते हूए संत समागम में शामिल गुरू संतो द्वारा ईश्वरदयाल को ईश्वरदास नाम प्रदान किया गया। इस अवसर पर महेश नागर, विश्वास सोनी, ओमप्रकाश भट्ट, बंटी डामोर, कैलाश व्यास, भूषण भट्ट समेत बडी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। महाआरती पश्चात विशाल भंडारा प्रसादी सम्पन्न हुई जिसमें पांच हजार श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।
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