महाविद्यालय में गुरुवे नम: महोत्सव का आयोजन

May

रितेश गुप्ता, थांदला
जीवन में सांसारिक गुरु के साथ-साथ एक आध्यामिक गुरु भी होना चाहिए जो हमारे सांसारिक जीवन में आने वाले अन्धकार को प्रकाशमय बना सकता है। हमारे माता-पिता भी हमारे गुरु होते है। उसके पश्चात शिक्षित करने वाले गुरु होते है। इन सभी का सम्मान करना ही गुरुवे नम: का उद्देश्य है। उच्च शिक्षा विभाग मप्र शासन के तहत व्यक्ति विकास प्रकोष्ठ शासकीय महाविद्यालय थांदला द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवे नम: महोत्सव के आयोजन की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ पीके संघवी ने अपने उद्बोधन में कहा। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की आराधना तथा उर्मिला डामोर, नम्रता डामोर एवं ऋषिता डामोर द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तित से हुआ तत्पश्चात पूर्वा जैन,उपासना कटारा,राजेश मेडा एवं संतोष ने गुरु की महश्र पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर गुरु एवं गुरु कि महिमा पर डॉ. जीसी मेहता, प्रो. एसएस मुवेल, प्रो. मीना मावी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. पीटर डोडियार, प्रोण्. सेलीन मावी, डॉ. बीएल डावर समस्त अतिथि विद्वानगण, दिनेश मोरिया, अजय मोरी,रमेश डामोर, विक्रम डामोर सहित बडी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. एमएस वास्केल ने एवं आभार प्रो. एच डुडवे ने माना।