मध्यप्रदेश अरोड़ा खत्री समाज ने रचा इतिहास, चार प्रदेशों का हुआ सम्मेलन

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रितेश गुप्ता, थांदला
स्वामी माधवानंदजी एवं स्वामीश्री गुरुमुखानंदजी की तपोभूमि तथा नवाबों की नगरी जावरा शहर में मध्यप्रदेश अरोड़ा-खत्री समाज महासभा ने चार राज्यों का सामाजिक सम्मेलन आयोजित कर प्रदेश में एक नए इतिहास की शुरुआत की है। समाज ने जहां प्रदेश के बच्चों, छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान कर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया है, तो मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान व महाराष्ट्र सहित चार राज्यों के विवाह योग्य युवक-युवतियों को मंच पर खड़े कर परिचय सम्मेलन आयोजित कर इतिहास रचा है। इस आयोजन में अतिथि के रूप में मप्र के पूर्व गृहमंत्री भारतसिंहजी, अखिल भारतीय खत्री महासभा के अध्यक्ष श्री धनराज भाई खत्री तथा अरोड़ा-खत्री समाज सर्वोच्च समिति के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी व सदस्यों ने उपस्थित होकर समाजजनों को मार्गदर्शन दिया तथा आयोजन की सराहना की।

युवक-युवतियों ने दिया परिचय-
चार प्रदेशों के इस महाकुंभ में मप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं गुजरात से बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए जिसमें विवाह योग्य 212 युवक-युवतियों ने खुले मंच से अपना परिचय प्रस्तुत किया। इस महासमागम के पीछे समाज का मुख्य उद्देश्य यही था कि अपने विवाह योग्य बच्चों के विवाह रिश्ते के लिए कहीं भटकना न पड़े व इस परिचय सम्मेलन के माध्यम से आसानी से रिश्ते तय किए जा सके।

185 छात्र-छात्राओं को किया पुरस्कृत-
शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार के तहत प्रदेश की 29 पंचायतों के उन छात्र-छात्राओं को शिल्ड व प्रमाण पत्र देकर अतिथियों के हाथों पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने 70 फीसदी से अधिक अंक अथवा ए ग्रेड से परीक्षा उत्तीर्ण की। समाज के ऐसे 185 छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

अनेक गतिविधियां की गई-
इस महासम्मेलन की शुरुआत उप जेल जावरा से शुरू की गई जहां जेल परिसर में अतिथियों, समाज के वरिष्ठजनों तथा पदाधिकारियों ने पौधारोपण किया। तत्पश्चात कैदियों को फल वितरण कर उन्हें संबोधित करते हुए अपराध की दुनिया से बाहर आकर अच्छा जीवन जीने की सीख दी गई। इस आयोजन में मेहंदी प्रतियोगिता एवं वेल ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित कर बालिकाओं, महिलाओं एवं युवाओं को प्रोत्साहित कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए।

इनका भी किया सम्मान-
आयोजन में समाज के सेवानिवृत्त शिक्षकगणों, 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके समाज के वृद्ध महिला-पुरुषों, समाज की प्रदेश की 29 इकाइयों के अध्यक्षगणों तथा समाज के कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया।

इनकी रही मुख्य भूमिका-
इस आयोजन में शिक्षा प्रोत्साहन के छात्र-छात्राओं को तथा सम्मान समारोह के पुरस्कार अरोड़ा परिवार आलोट एवं रतलाम द्वारा अपने परिजनों की स्मृति में महासभा के माध्यम से प्रदान किए जाने पर महासभा द्वारा उनका आभार व्यक्त करते हुए सम्मान किया गया। आयोजन को सफल बनाने में जावरा अरोड़ा-खत्री समाज, जावरा महिला मंडल व विशेषकर जावरा नवयुवक मंडल का सहयोग महत्वपूर्ण व सराहनीय रहा। महासभा द्वारा इनका भी आभार व्यक्त कर सम्मान किया गया।

इन्होंने दिया संबोधन
आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री भारतसिंहजी ने कहा कि समाज ने इस आयोजन के माध्यम से बच्चो को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया है ऐसे आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए। अखिल भारतीय खत्री समाज के अध्यक्ष धनराज खत्री ने परिचय सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से समाज के लडक़ों-लड़कियों के रिश्ते तय करने में हर माता-पिता की मुश्किलें आसान होती है। रिश्ते तय होने पर विवाह कार्य भी समाज के सामूहिक विवाह समारोह में किया जाना चाहिए। इस दौरान समाज के अध्यक्ष हरिनारायण अरोड़ा ने घोषणा की कि अगर कम से कम 25 रिश्ते भी इस सम्मेलन के माध्यम से तय होते हैं तो महासभा सामूहिक विवाह का आयोजन करेगा। जिससे हम कम खर्च में शादी का आयोजन कर सकेंगे व पूरा समाज उपस्थित होकर साक्षी बनेगा। महासचिव कुन्दन अरोड़ा ने इस अवसर पर समाज की गतिविधियों व भावी योजना पर प्रकाश डालते हुए संपूर्ण देश के समाजजनों के एकीकरण पर बल देते कहा कि अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश में भी खत्री जाती को आरक्षण की आवश्यकता है व महासभा के माध्यम से आज के दौर में यह मांग उठाई जाना जरूरी है। स्वागत भाषण महासंरक्षक सत्यनारायण अरोड़ा ने दिया, कोषाध्यक्ष किशोर खत्री ने आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया। आयोजन को राजस्थान अरोड़ा खत्री सर्वोच्च समिति के महामंत्री जानकीलाल राणा, शिक्षा समिति संयोजक कैलाश सराया, रामदयाल सराया, महाराष्ट्र प्रकोष्ठ के दिलीप खत्री, संयोजकगण सत्यनारायण अरोड़ा जावरा, नारायण अरोड़ा भाभरा, समाजसेवी राजेश अरोड़ा उज्जैन व शलभ अरोरा मंदसौर ने भी संबोधित किया। महासभा द्वारा सभी अतिथियों का शाल व प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रजनी अरोड़ा व बालयोगी विष्णु अरोड़ा ने किया। अंत मे उपाध्यक्ष गुरुप्रसाद अरोड़ा ने आभार व्यक्त किया ।

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