प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

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लवनेश गिरी गोस्वामी @ थांदलारोड़

 जनपद पंचायत मेघनगर की ग्राम पंचायत नोगांवा में हाल ही में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत थांदलारोड़ से सजेली रोड तक सड़क निमार्ण हुआ है। सड़क का नाम नोगावन एप्रोज रोड़ है, जिसकी लंबाई करीब 1 किलोमीटर है जो कि बने को 2माह भी नही हुए और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हुए पहली बारिश में ही धूल गया, जगह जगह गड्ढे हो गए है। यह रोड़ 50 लाख 95 हजार रुपए की लागत से बना है। अधिकारियों एवं ठेकेदार की मनमानी व आपसी साठ गांठ के चलते नवनिर्मित रोड अपने लोकार्पण के पहले ही पहली बारिश में ही दम तोड़ गया। विगत दिवस हुई बारिश में नवनिर्मित रोड़ की पुलिया भी बह गई होकर रोड़ अपनी पुरानी स्थिति में आता नजर आ रहा है।
गौरतलब है रोड बनाने वाली कंपनी मेसर्स कृष्णा कंस्ट्रक्शन झुनझुन राजस्थान ने रोड़ की ग्यारंटी अवधि 5 वर्ष लिखी है किंतु रोड़ 2 माह में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है जबकि अभी तक ना तो रोड का उद्घाटन हुआ और नही कोई औपचारिक लोकार्पण हुआ ऐसे में अब यह प्रश्न खड़ा होता है कि रोड 5 वर्ष किस तरह चलेगा ? कंपनी द्वारा बोर्ड पर उल्लेखित जानकारी में ना तो कार्य के प्रारंभ होने की तारीख है और ना ही कार्य पूर्ण होने की कोई जानकारी दर्शाई गई है और तो और साइन बोर्ड पर जो गुणवत्ता के मापदंड दर्शाए गए हैं वह भी रोड की हालत देखकर रोड निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे है।

क्षेत्र के ग्रामीणों पूर्व सरपंच रुपसिंह सिंगोड़, पेमला धाक, रायसिंह परमार आदि ग्रामीणों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रोड बनाते समय कुओं से निकली कच्ची मिट्टी एवं तालाब के साइड की कच्ची मुर्राम यहा डाली गई है, यह रोड साल भर भी नहीं चलेगा, यह निर्माण तो शासन और शासकीय धन को चूना लगाने एवं ग्रामीणों को धोखा देने जैसा साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रोड निर्माण के समय हमने इसका विरोध भी किया परंतु ठेकेदार व कर्मचारियों द्वारा हमारे साथ मनमाना व्यवहार करते हुए कहां गया कि तुम्हारे बाप का पैसा नहीं है, यह पैसा तो सरकार का है जो बन रहा है वहीं बनेगा रुकावट डालोगे तो हम अधूरा कार्य छोड़कर चले जाएंगे ओर तुम से बने वह कर लेना। रोड़ हालात देख ग्रामीणों द्वारा किया विरोध व कही बात सही साबित हो रही है और घटिया निर्माण की पोल खोल रही है।

इस बात को लेकर ग्रामीणों का कहना है की शासकीय अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के समक्ष इसकी गुणवत्ता की जांच की जाना चाहिए ताकि रोड़ कितना मजबूत है और 5साल कैसे चलेगा की सच्चाई सबके सामने आ सके।

जिम्मेदार बोले
मैं रोड को दिखाकर सही करवाता हुँ।- 
मयंक मालवीय सहायक प्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क

 

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