अम्बे माता मंदिर चांदनी रात में भक्तों को वितरित की खीर-प्रसादी

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अलीराजपुर लाइव के लिए बड़ी खट्टाली से विजय मालवी की रिपोर्ट-
चारभुजा धाम से अपनी पहचान बना चुके छोटे से कस्बे में आये दिन कुछ न कुछ धार्मिक, सामाजिक व बौद्धिक गतिविधियों का सफल आयोजन होते रहना इस गांव की पहचान बन गइ। इसी तारतम्य स्थानीय मां अम्बे सार्वजनिक मंदिर परिसर में शरद पूर्णिमा की शीतल एंव धवल चांदनी में 51 किलो दूध की खीर प्रसादी का वितरण ठीक रात्रि 12 बजे महाआरती के पश्चात सैकड़ों की संख्या में मौजूद भक्तो एंव ग्राम के लोगों केगरिमामयी उपस्थिति में वितरित की गई। उक्त महाप्रसादी मंदिर परिसर के समीप खुले आसमान के नीचे मधुर अग्नि की आंच पर मां अम्बे भक्त मंडल समिति के सदस्यों द्वारा पूर्णश्रद्धा एंव भाव से बनाई जाकर प्रेमपूर्वक सभी उपस्थित भक्तो को वितरित की गई। शास्त्रों में कहा गया है कि शरद पूर्णिमा की पावन एवं पवित्र रात्रि में जो भी मनुष्य रात्रि जागरण, ध्यान एंव सात्विक कर्म करने के साथ ही इस दित्य व महान औषधिय गुणों से युक्त खीर का सेवन करता है उसे वर्ष पर्यंत कोई भी आधि व्याधि उसके शरीर में नही आ सकती। क्योंकि उक्त महाप्रसादी को एक बार सेवन करने से ही मानव के शरीर के रोग प्रतिरोधक में हजारों गुना वृद्धि होकर उसे निरोगता का आनन्द करा देती है। वात कफ व पित जैसी भयंकर बीमारियों से बचकर वह अपना जीवन सात्विक विचारो को धारण करके सम्मार्ग पर चलने की और अग्रसर हो पाता है। साथ ही उक्त रात्रि के जप-तप, ध्यान, भजन, कीर्तनएसेवा जैसे कार्यो को करने उसका असर वर्ष पर्यन्त हित्वाई देकर मानव को दैवीय गुणों से सम्पन बना देने सक्षम बना देता है। इस पावन अवसर पर मां अम्बे भक्त मंडल के नारायणभाई प्रजापत, सत्यप्रकाश परवाल, संजय लढ्ढा, मोहनलाल मालवी, मुकेश राठौड़, घनश्याम राठौड़, गोवर्धन राठौड़, भगवानदास प्रजापत, घोटू राठौड़, गोलू राठौड़, संजय राठौड़, भूरू प्रजापत, ओमप्रकाश, अनिल प्रजापत, लखन लड्ढा, अजय मालवी, केलाश राठौड़, मिथुन प्रजापत, विशाल चौहान, संजय नाथ, तरुण प्रजापत आदि का धर्मावलंबियों का सराहनीय योगदान रहा।

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