वीर जन्म वाचन महोत्सव मनाया

- Advertisement -

4झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से एमके गोयल की रिपोर्ट-
रविवार को महाविदेह मधुकर धाम में द्वितीय वीर जन्म वाचन महोत्सव मनाया गया। समाजजन साध्वी चारित्रकला श्रीजी आदि को राजेन्द्र भवन से ढ़ोल के साथ दादावाड़ी लेकर गए। रास्ते में अठ्ठाई तप कर रही अजैन दीपिका करणसिंह के निवास पर साध्वीश्री की अगवानी हुई। गहुली व प्रभावना ठाकुर परिवार ने की। साध्वीश्री ने दीपिका को प्रत्याख्यान दिए। महाविदेह धाम पर ट्रस्ट मंडल ने अगवानी की। भगवान की माता त्रिशला रानी द्वारा देखे गए 14 स्वप्नों की बोलियां लगाई गई। बोली लेने वाले परिवार की श्राविकाओं ने सपनों को सिर पर उठाकर सबको दर्शन करवाये। वे नृत्य भी कर रही थी। इसके पश्चात सीमंधर स्वामीजी, गौतम स्वामी, गुरुदेव, माणिभद्र सेठ, ज्ञानजी की आरती की बोलिया लगाई गई। भगवान को पालने में झुलाने की बोली देवेन्द्र नाहर ने ली। सीमंधर स्वामी की शांतिलाल सकलेचा ने गुरुदेव की आनंदीलाल नागोरी, झालर बजाने की जितेंद्र सालेचा ने अक्षत से बंधने की दिनेश कटारिया ने, केशरिया छापे लगाने की कुमुद कटारिया ने ली। लक्की ड्रा मनोज व्होरास, मुकेश नागोरी की ओर से था। बंपर लकी ड्रा में सोने की गिन्नी पुरस्कार में रखी गई थी।सोहनलाल सेठ द्वारा प्रयोजित बम्पर ड्रा निर्मला कटारिया को खुला। आंगी बहन ने रंग लाग्यो महावीर तारो रंग लाग्यो स्तवन गाया। इस पर श्रावक श्राविकाओं ने जमकर नृत्य किया। संचालन कमलेश नाहर ने किया।
आत्मा व कर्म मिलकर संसार बनाते है..
जैन दर्शन के अनुसार ईश्वर जगत बनाता नही बल्कि जगत दिखाता है। उक्त बात साध्वी चारित्रकला श्रीजी ने कही।वे कल्पसूत्र का वाचन कर रही थी। छठे व्याख्यान में भगवान महावीर का चरित्र वर्णन किया गया। गणधर भगवानों की शंका का समाधान परमात्मा द्वारा किया गया। 23 वें तीर्थकर पाश्र्वनाथ भगवान के 10 भव का वर्णन करते हुए उनके मोक्ष गमन तक का वर्णन किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि आत्मा व कर्म दोनों के संयोग से संसार बनता है। प्राणी के कर्म अनुसार उसकी आत्मा की उन्नति या दुर्गति होती है। जानकारी मिडिया प्रभारी कमलेश नाहर व ललित सालेचा ने दी।
तपस्या का ठाठ जारी
साध्वी की प्रेरणा से तपस्या का दौर जारी है।कुसुम अनिल सेठएअंजू देवेन्द्र नाहर का मासक्षमण पूर्णता की ओर है। दीपेश सेठ की 16 उपवास की तपस्या जारी है। पर्युषण के दौरान 7 व्यक्ति सामूहिक अठ्ठाई की तपस्या कर रहे हैं। इनमे अजैन बालिका दीपिका ठाकुर भी शामिल है। सोमवार को संवत्सरी पर सुबह 11 बजे साध्वी श्री द्वारा सभी तपस्वियों को सामूहिक प्रत्यख्यान दिए जाएंगे। राजेन्द्र भवन में बारसा सूत्र का वाचन होगा। सांवत्सरिक प्रतिक्रमण पश्चात क्षमापना का दौर चलेगा।