बारिश की फुहारों के बीच निकला 33 उपवास करने वाली इंदिरा भंसाली का वरघोड़ा

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से एमके गोयल की रिपोर्ट-
नगर तपस्वी की जय जयकार से गूंज उठा। इंदिरा अशोक भंसाली ने 33 उपवास की तपस्या पूर्ण की। तप अनुमोदना में विविध आयोजन हुए। तपस्वी की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा,पुराना बस स्टैंड, सुभाष चौपाटी, एमजी रोड होते हुए राजेन्द्र भवन पहुंची। शोभायात्रा में तपस्वी को एक सुसज्जित कार में बिठाया गया था। प्रमुख चौराहो पर गरबे किए गए। बारिश की बौछारे भी युवाओं का जोश कम नहीं कर पाई।
तप अनुमोदन व अभिनन्दन सभा राजेन्द्र भवन में हुइ
साध्वी मंडल को सविधि वंदन किया गया। गुरु वंदन मानकुंवर जैन ने करवाया। साध्वीश्री के मंगलाचरण से सभा की शुरुआत हुई। सोनाली व मोनिका व आशिमा चंडालिया ने तपस्या गीत प्रस्तुत किया। चन्द्रसेन कटारिया, महिला परिषद प्रदेश अध्यक्ष पद्मा सेठ, हंसमुखलाल भंसाली दाहोद, राजेश व्होरा ने तप अनुमोदन में विचार व्यक्त किए। तपस्वी का श्री संघ की ओर से बहुमान मांगीलाल सकलेचा, मांगीलाल व्होरा, ओम प्रकाश सालेचा, तेजमल सकलेचा ने किया। अभिनंदन पत्र विनय नाहर, विमल बांठिया, विजय कोठारी, निलेश मामा आदि ने किया। अखिल भारतीय श्रीराजेन्द्र जैन नवयुवक महिला तरुण, बालिका परिषद, वेयावच समिति की ओर से तपस्वी का बहुमान हुआ। अशोक भंसाली की ओर से तप निमित्त संस्थाओ को राशि भेंट की गई।
रमेश नाहर, दिलीप सकलेचा,राजेन्द्र सियाल, सुरेश समीर, विनय कटारिया, जेपी सालेचा, मनीष जैन सहित अन्य समाजजन उपस्थित रहे। संचालन कमलेश नाहर ने किया। आभार प्रदीप भंसाली ने माना। भंसाली परिवार की ओर से स्वामी वात्सल्य हुआ। अपने प्रेरक प्रवचन में साध्वी चारित्रकलाजी ने तप धर्म का मर्म समझाने के साथ ही आहार शुद्धि की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि मोक्ष कब होगा यह पूछने पर नही बल्कि उसकी ओर कदम बढ़ाने पर मोक्ष प्राप्ति हो सकती है।मोक्ष प्राप्ति के लिए उन्होंने 4 साधना दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप बताई। उन्होंने कहा कि तप वही सच्चा है जो कर्म को तपाये।