पुलिस के खिलाफ सुसाइड नोट लिख मौत को गले लगाने वाले हरीश भूरिया के समर्थन मे उतरा सोशल मीडिया ; फेसबुक – ट्वीटर पर # हरीश को न्याय मिले अभियान किया शुरु

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 मयंक गोयल @ राणापुर

भोपाल मे रहकर इंजिनीयरिंग की पढाई करने वाले छात्र हरीश भूरिया द्वारा सुसाइड नोट लिखकर मोत को गले लगाने के मामले ने अब तुल पकड लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आज सुबह से ही ट्वीटर ओर फैसबुक पर हैशटैग # जस्टिस फार हरीश ट्रेंड कर रहा है ओर युवाओं द्वारा लगातार टीआई राणापुर कोशल्या चोहान को निशाना बनाया जा रहा है ..कोई टीआई कोशल्या चोहान पर 302 मे एफआईआर करने की मांग कर रहा है तो कोई टीआई पर जातिवादी होने का आरोप लगा रहा है देखिऐ सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाली जा रही है ।

*यह था मामला*
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हरीश पिता पारसिंह भूरिया मूलतः राणापुर के वागलावाट का रहने वाला था तथा पढाई के दोरान उसे चुलिया छोटी गांव की एक लडकी से प्रेम हो गया था ओर दोनो ने शादी कर ली थी ओर बकायदा इस शादी का वैधानिक पंजीयन करवाया था ..इस मामले मे पहले लड़की के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज की थी जिसके आधार पर पुलिस ने लड़की को हरीश से बरामद कर राणापुर थाने कुछ महीने पहले लाकर बयान करवाये गये थे जिसमे लडकी ने हरीश को अपना पति बताकर उसके साथ जाने की बात की गयी थी जिसके आधार पर उसे हरीश को सोंप दिया गया था ..इसके कुछ महीनो बाद लडकी के मायके वाले मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत करते है कि उनकी बेटी संकट मे है वह अपने घर आना चाहती है ..इस पर पुलिस ने उसे फिर हरीश के पास से बरामद किया ओर बयान लेकर उसे उसके मायके वालो को सोंप दिया गया ।

हरीश ने आत्महत्या करने के पहले एक सुसाइड नोट लिखा जिसमे अपनी मोत के लिए राणापुर टीआई कोशल्या चोहान ओर रामरथ परमार को जिम्मेदार ठहराते हुऐ उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया ओर मारपीट करने ; डराने ओर धमकाने का आरोप भी लगाया ..मृतक हरीश ने अपने सास ससुर पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगाये है ..हरीश ने अपनी पत्नी के तीन महीने का बच्चा गिराने का आरोप भी लगाया है ..आज मृतक के पिता ओर भाई ने अपने बेटे की मोत का जिम्मेदार पुलिस को ठहराते हुऐ न्याय की मांग की है

*इधर जातिवादी सिस्टम पर भी उठे सवाल*

सोशल मीडिया मे हरीश के सुसाइड के बाद लगातार कुछ लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे है कि जब आदिवासी एक समुदाय है तो जाति व्यवस्था क्यो है ? सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि एक तीर एक कमान – आदिवासी एक समान का नारा क्या सिर्फ कागजों पर है हकीकत मे ऐसा क्यो नही है ? गोरतलब है कि मृतक हरीश ओर उसकी पत्नी दोनो आदिवासी वर्ग से आते है लेकिन दोनो की जाति अलग अलग है इसको लेकर भी मामले मे तनाव बढा था ..सोशल मीडिया पर इस जातिवाद को लेकर भी गुस्सा है ।

*टीआई ने दी सफाई*
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इस मामले मे राणापुर टीआई कौशल्या चोहान का बयान भी सामने आया है जिसमे वह कह रही है कि उन्होंने जो किया वह वैधानिक था ओर उनकी ड्यूटी का हिस्सा था ..उन्होंने कहा कि जो आरोप उन पर लगाये जा रहे है वह गलत है ।

*एसपी ने दिये जांच के आदेश*

हरीश भूरिया सुसाइड मामले मे उठ रहे विवाद के बीच एसपी झाबुआ आशुतोष गुप्ता का बयान सामने आया है उन्होंने कहा है कि सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच करवाई जायेगी ओर अगर कोई दोषी मिला तो कारवाई होगी ..एसपी ने कहा कि मामले मे उनके द्वारा एक विस्तृत जांच के आदेश दे दिये गये है ।

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