E’XCLUSIVE: मेले में नजर आई भगोरिया की झलक, पूरे दिन रही कुर्र..कुर्र..कुर्राटियो की गूंज..

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सलमान शेख@ झाबुआ LIVE….

शीतला सप्तमी पर लगने वाले मेले में बुधवार को ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी। मेले में भगोरिया पर्व की भी झलक देखने को मिली। करीब 25 छोटे-बड़े ग्रामो से आए ग्रामीणों ने आनंद लिया। इस दौरान ग्रामीण ढोल मांदल पर जमकर थिरके। ग्रामीणों ने खरीदारी करने के साथ झूले चकरी का लुत्फ भी उठाया। पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। उमंग व उत्साह से भरे युवक-युवतियों ने मेले में रौनक बिखेरी।
सभी ग्रामीण आदिवासी परंपरागत वेशभूषा में आए। मेले में चाय, पान, हरकंगन, कुल्फी, गन्ने का रस, आईस्क्रीम आदि की दुकाने लगी। झूले भी लगे। ढोल मांदल पर लोग जमकर झूमे। गांवो से आई टोलियो ने प्रमुख स्थनो पर पारंपरिक आदिवासी लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जिसे हजारो ने मंत्रमूग्ध होकर निहारा। नृत्य के दौरान युवाओं ने वाद्ययंत्रो की धूनो पर जमकर कुर्र..कुर्र..कुर्राटियां भी लगाई।
वहीं प्रशासन की ओर एसडीएम आईएएस हर्षल पंचोली, एसडीओपी बबिता बामनिया, तहसीलदार मुकेश काशिव, टीआई नरेंद्र वाजपेयी सहित अन्य पुलिस अधिकारी पूरे दल-बल के साथ व्यवस्था को बनाए रखने में लगे रहे।
*भीड़ के कारण मार्ग किए डायवर्ट:*
आपको बता दे कि करड़ावद थांदला-बदनावर स्टेट हाईवे से सटा हुआ है। रोजाना हजारो की संख्या में इस मार्ग से बड़े-छोटे वाहनो को आना-जाना लगा रहता है। चूंकि सप्तमी पर लगने वाला यह मेला क्षैत्र में होली का अंतिम मेला होता है, इस कारण आसपास के क्षैत्रो से भी बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मेले में आते है। जिससे यहां भारी भीड़ उमड़ती है। पुलिस ने इसी कारण एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मार्ग को पेटलावद से ही डायवर्ट कर दिया। बड़े-छोटे वाहन जिन्हे बदनावर की ओर जाना था वे वाहन व्हाया बरवेट होकर सारंगी से दोबारा स्टेट हाईवे पर निकले और जिन वाहनो को थांदला की ओर जाना था उन वाहनो को सारंगी व्हाया बरवेट व्हाया पेटलावद होकर जाना पड़ा। हालांकि इसमें वाहन चालको को खासी परेशानी उठानी पड़ी, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन द्वारा की गई यह पहल सराहनीय रही।
*आधुनिकता व परंपराओ का संगम:*
शीतला सप्तमी के मेले में आुधनिकता के बीच ठेठ आदिवासीयो की लोक परंपराओ के रंग भी देखने को मिल रही है। बड़े-बुजुर्ग जहां अब भी पारंपरिक वेशभूषा व संगीतमय यंत्रो के साथ लोकपर्व की परंपराओ का निवर्हन करते नजर आए। वहीं युवा पीड़ी जींस, टी-शर्ट, टोपी-चश्में व हाथो में मोबाइल थामें अतिप्राचीन परंपरा की औपचारिता पूर्ण करते दिखाई दिए।

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