सूरज जब भी पश्चिम में पहुंचा डूब गया है. : मुनि सुरेश कुमार

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पश्चिम की तरफ बढने खिंचाव के दौर की पीढ़ी को यह नही भूलना चाहिए कि सूरज जब भी पश्चिम में गया डूब गया है. बदलते परिवेश में संस्कारों के गिरते ग्राफ को उठाने का सिर्फ एक रास्ता है- चरित्र निर्माण। उक्त आशय के उद्गार तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती मुनि सुरेश कुमार हरनारा ने स्थानीय डालिम विहार में व्यक्त किए। आप अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की संगठन यात्रा के नगर आगमन पर आयोजित टाक शो हमारे संस्कार हमारी संस्कृति विषय पर बोल रहे थे। इस अवसर पर मुनिश्री संबोध कुमारी ने टू बीए जैन विषय पर कहा- हमारी संस्कृति पर होने वाले अत्याचारों से आजाद होने का रास्ता चुनने कोई और नहीं आएगा। हमें खुद ही रास्ते बनाना होंगे।
मुनिश्री ने जैन संस्कृति की श्रेष्ठता पर गूगल दिवस के बारे में  जानकारियां दी. इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष बीसी भालावत ने अपने प्रभावी वक्तव्य में युवक परिषद के देशव्यापी मानव सेवा को समर्पित परियोजनाओं की जानकारी दी। आपने कहा- यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम भावी पीढ़ी के लिए जितनी दउलत छोडक़र जा रहे है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि भावी पीढ़ी के लिए विरासत में कैसे संस्कार छोड़ रहे हैं। राष्ट्रीय महामंत्री विमल कटारिया ने उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं से वर्तमान आचार्य महाश्रमण द्वारा निर्देशित प्रति शनिवार शाम 7से 8 बजे तक सामायिक करने पर विशेष बल दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नवीन वागरेचा, पेटलावद के शाखा प्रभारी संजय पालरेचा,तेरापंथी सभा के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी ने भी विचार रखे। स्वागत भाषण उपाध्यक्ष जीवन भंडारी ने दिया. कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री राजेश वोरा ने किया। आभार कोषाध्यक्ष मनीष पटवा ने माना .