सरकारी मद की जमीन को फर्जी तरीके से नामांतरण करने पर एसडीएम ने बैठाई जांच समिति, माफियाओं में हडकंप

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बामनिया में फर्जी तरीके से अपने नाम जमीन करवा कर भूखंड काटने के बाद निर्माण होते हुए।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-

जब से पेटलावद में एसडीएम के रूप मेें आईएएस हर्षल पंचोली ने पदभार ग्रहण किया है तभी से इस क्षेत्र के माफियाओं में हडकंप मचा हुआ है। कभी शराब की दुकान को लेकर तो कभी अतिक्रमण को लेकर तो कभी जमीनों की बेजा रजिस्ट्रियों को लेकर अपना कड़ा रूख दिखाया है जिसके चलते पेटलावद में प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरूस्त दिखाई देती है। इसी क्रम में अब बामनिया क्षेत्र के भू माफियाओं और सरकारी जमीन के विक्रेता इस बार एसडीएम पंचोली के राडार पर है।

यह है मामला- बामनिया क्षैत्र में वर्ष 1958-59 में तत्कालीन सर्वे 65 व 66 शासकीय चारागाह, कारखाने एवं मरघट मद की सरकारी जमीन स्थित चली आयी है, जिस पर तत्कालीन समय में द्वारकाप्रसाद अग्रवाल को कारखाना संचालित करने के लिए कुछ जमीन शासन द्वारा आवंटित की गई थी। किन्तु उस जमीन पर  न तो कोई कारखाना संचालित हो रहा है बल्कि आज के समय में इस जमीन पर द्वाराकाप्रसाद के वारिसानों विजय कुमार, अनिल कुमार, उषाबाई व अन्य के द्वारा इस भूमि को धोखाधड़ी अपने नाम पर दर्ज करवा कर आवासीय प्रयोजन हेतु भूखंड काटते हुए करोड़ों रूपये की बेशकीमती सरकारी जमीन को बेच दी है जिस पर धड़ल्ले से वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा है। इस पूरे घालमेल का खुलासा करते हुए बामनिया क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई कार्यकर्ता श्रवण कुमार उर्फ दिलिप मालवीय ने मय प्रमाण के लिखित शिकायत एसडीएम को की थी। 

प्राथमिक जांच में सत्य पाये गये तथ्य- श्रवण मालवीय उर्फ दिलीप मालवीय के आवेदन पर एसडीएम पंचोली नें प्राथमिक रूप से हल्का पटवारी से इस बात की जांच करवायी गयी थी और खुद वे स्वयं भी मौका देखने पहुंचे थे। इसके बाद बामनिया पटवारी हल्का नम्बर 01 के द्वारा दिनांक 13.02.2018 को अपनी जांच एसडीएम को सौंपते हुए बताया कि आवेदन में उल्लेखित तथ्यों को सही पाया गया और विस्तृत जांच के लिए व निर्माण कार्य को रोकने के लिए प्रतिवेदन में उल्लेखित करते हुए जांच प्रतिवेदन सौंपा था।

 एसडीएम ने लगाई पेशी-रूकवाया निर्माण- जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम पंचोली ने अनावेदक विजय कुमार आदी को को प्रकरण क्रमांक/0098/बी-121/2017-18 दर्ज करते हुए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है और सुनवाई के लिए 12 मार्च नियत की गई। वहीं हल्का पटवारी को मौके पर भेजकर किये जा रहे निर्माण कार्य को रूकवा दिया गया है।

जांच राजस्व मंत्री की नजरों में- इस पूरे मामले में जहां बामनिया क्षैत्र में भू-माफियाओं में हडकंप मचा हुआ है और सभी अपने स्तर से जुगाड़ लगाकर जांच को ठंडे बस्ते में डलवाने की फिराक में है वहीं शिकायतकर्ता श्रवण कुमार मालवीय का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता की निगरानी में हो रही है क्योकि शिकायतकर्ता के द्वारा 5.02.2018 को भोपाल जाकर समक्ष में राजस्व मंत्री को शिकायत से संबंधित समस्त दस्तावेज सौंपे है और राजस्व मंत्री के निर्देश पर पूरी जांच रही है। 

प्रशासन के माथे पर भी बल- शिकायतकर्ता का कहना है कि शासकीय मद की जमीन सर्वे नम्बर-65 व 66  को भू-माफियाओं के द्वारा शासकीय कर्मचारियों के साथ सांठगांठ करके ही अपना नाम दर्ज किया है और करोड़ों रुपए के भूखंड काट दिये है। यदी शासन के द्वारा निष्पक्ष जांच की जाती है तो कई प्रशासनिक राजस्व अधिकारी व कर्मचारी इस दायरे में आ सकते है और यह बात प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी भी जानते है इसलिए मामले से जुड़े वर्तमान व पूर्व राजस्व कर्मचारियों के माथे पर शिकन की लकीरें देखने को मिल रही है।  इस संबध मेें शिकायतकर्ता श्रवण कुमार मालवीय का कहना है कि मेरे द्वारा जो शिकायत की गई उसकी निष्पक्ष जांच होना चाहिये अन्यथा में इस मामले को उच्च न्यायालय तक जाउंगा। इस संबंध में एसडीएम हर्षल पंचोली का कहना है कि शिकायत के आधार पर अनावेदकों को सूचना पत्र जारी किया गया है। आगे जांच  जारी है वहीं निर्माण कार्य रूकवा दिया गया है।  

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