यह वक्त मजहब, जाति-पाती के नाम पर लडऩे का नहीं, सुकून के साथ जिंदगी बसर करने का : पंकज महाराज

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जय गुरूदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा से संबंध जयगुरूदेव संगत जिला झाबुआ के तत्वावधान में नगर में कृषि उपज मंडी पर सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। संस्था अध्यक्ष पूज्य पंकज महाराज ने देवदुर्लभ मानव शरीर का महत्व बताया इसमें रहकर प्रभु की प्राप्ति ,गुरू की महिमा सुरत शब्द,योग साधना, शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, सामाजिक समरसता लाने आदि विषयों पर प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने मानव शरीर को चौरासी लाख योनियों की अंतिम व सर्वश्रेष्ठ योनी बताया, इसमें विराजमान आत्मा में उस प्रभु की परासृष्टि को देखने के लिए दिव्य नेत्र, शिवनेत्र है तथा उसकी आकाशवाणियों, कलमा सुनने के लिए कान है, जब संत सतगुरू नाम का भेद बता देते है तो साधना से ये खुल जाते है। सुरत- शब्द योग कलियुग की सबसे सरल साधना है। बाबा जयगुरूदेव की वारिस ने कहा कि मनुष्य स्वाभावत: शाकाहारी प्राणी है। अशुद्ध आहार से मन,बुद्वि , चित्त, अंतकरण ही नहीं, जीवात्मा भी दूषित हो जाती है। गंदे स्थान पर परमात्मा कैसे उतरेगा? उन्होंने आने वाले संकटों व असाध्य जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए सभी धर्म, मजहब, जाति व वर्ग के लोगों से शाकाहारी बनने और नशा मुक्त होने की अपील की। कहा कि जिस शराब को पी लेने से मां, बहन ,बेटी और बहू की पहचान खत्म हो जाती है। उस शराब को पी लेन से यह कैसे पता चलेगा की क्या अच्छा और क्या बुरा है। संस्था प्रमुख ने टूटते संयम, गिरते चरित्रों, हिंसा व अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई। चरित्र को मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए चरित्र उत्थान तथा नई पीढ़ी के बच्चों में अच्छे संस्कार डालने की अति आवश्यकता कही। कहा कि अच्छे संस्कार कोई डिग्री-डिप्लोमा लेने, शिक्षा या तालीम में नहीं पड़ते अच्छे संस्कार महात्माओं की वाणियों से जागते है। संस्कार सत्संग से जागते है। उन्होंने लोगों से अपने बाल-बच्चों, इष्ट मित्रों को सत्संग में लाने की प्रार्थना की। समाज में प्रेम, मोहब्बत की बड़ी जरूरत बताते हुए, शांति व सुकून का संदेश देने वाले महात्माओं की खोज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह वक्त धर्म,मजहब, जाति पाति के नाम पर लडऩे- झगडऩे का नहीं। ये इंसानों का काम नहीं, हैवानों का काम है। लड़ाइयों,दंगे-फसादों और नुक्ताचीनी से हमें क्या मिला, सिवाय नफरत के? नफरत की ऐसी ज्वाला जली कि उसमें घर, परिवार, समाज, जातियां ही नहीं समूचा देश जल उठा। अब तो सबको ठंडक, शांति, सुकून चाहिए। यह सब वहीं मिल सकते है, जहां शांति-सुकून के संदेश होते है।
जनजागरण यात्रा.
श्रद्वेय पंकज महाराज ने मध्यप्रदेश की 35 दिवसीय शाकाहार-सदाचार,मद्यनिषेध आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा के समापन सत्संग समारोह आगामी 28 व 29 अप्रैल को निपानियां, इंदौर स्थित साईं परिसर,उत्सव प्रांगण में होगा। आगामी 17 से 21 मई तक जय गुरूदेव आश्रम,मथुरा में आयोजित परम पूज्य बाबा जयगुरूदेव जी महाराज के छठवें वार्षिक भंडारा महोत्सव में शामिल होने की भक्तों से अपील की। इस अवसर पर रामकृष्ण यादव, महामंत्री संस्था, संत राम चौधरी प्रबंधक जयगुरूदेव आश्रम, मथुरा, नरेंद्र सिंह बघेल प्रांता अध्यक्ष संगत मप्र, जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह श्रंगार, मणीलाल बरबेटा, शांताराम पाटीदार आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्वालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा के अगले पड़ाव नालछा निकट मांडू जिला धार के लिए प्रस्थान कर गई।

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