फूटा मंदिर पर सवा करोड़ ओम नम: शिवाय राम का लेखन कार्य शुरू

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पेटलावद। ईश्वर की आराधना ही मनुष्य जीवन जीने का एक प्रमुख आधार है। यदि व्यक्ति धर्म में बताए गए मार्गो को अपनाता है तो उसे आने वाली कठनाईयों से स्वत: ही मुक्ति मिल जाएगी। वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि मनुष्य का ध्यान अब आध्यात्म की तरफ कम होकर पारिवारिक उलझनों में ही उलछता जा रहा है। यदि व्यक्ति धर्म और संस्कार का अनुकरण कर लेता है तो वह अपने जीवन को सार्थकता पूर्ण जी सकता है। यह बात पेटलावद क्षेत्र के अति प्राचिन फूटा मंदिर पर आयोजित श्रावण मास के अवसर पर एक माह के अखंड रामायण पाठ के दौरान कैलाश गिरी गोस्वामी फौजी बाबा ने व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि इन दिनों श्रावण मास के चलते पूरा नगर शिवमय हो चुका है।
सवा करोड़ मंत्रों का लेखन-
फूटा मंदिर पर इन दिनों सवा करोड़ ओम नम: शिवाय राम का लेखन कार्य भी चल रहा है। इसका उद्ेश्य बताते हुए फौजीबाबा का कहना है कि पेटलावद में हुए ब्लास्ट में करीब 80 लोग अपनी जान गंवा चुके थे उनकी आत्म शांति के लिए इन मंत्रों का लेखन कार्य सतत जारी है। कार्य पूर्ण होने के बाद उन्हें एक स्थान पर स्मारक के रूप में स्थापित किया जाएगा जिससे मृत आत्माओं को शांति मिले।

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